Bihar News: भागलपुर के मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच परिसर में बने ब्लड बैंक में फिर से फर्जीवाड़े का खेल पकड़ा गया. मायागंज अस्पताल के अस्पताल अधीक्षक डॉ केके सिन्हा का फर्जी हस्ताक्षर कर ब्लड बैंक से खून लेने का प्रयास करने वाला एक मरीज का परिजन मंगलवार को पकड़ा गया. ब्लड बैंक के कर्मी को जब इसकी भनक लगी तो उसे पकड़ लिया. हालांकि वो मौके पर से भागने में सफल हो गया. भागलपुर ब्लड बैंक में दलाल और फर्जीवाड़ा करने वाला गिरोह काफी सक्रिय रहा है. समय-समय पर कार्रवाई भी होती रही है.
ब्लड बैंक से खून लेने फर्जी सिग्नेचर लेकर पहुंचा
मायागंज अस्पताल के ब्लड बैंक से खून लेने के लिए एक व्यक्ति अस्पताल अधीक्षक डॉ केके सिन्हा का फर्जी हस्ताक्षर वाला पर्चा लेकर पहुंच गया. ब्लड बैंक के काउंटर पर मरीज के परिजन ने जैसे ही फ्री खून के लिए आवेदन जमा किया, कर्मचारी अरुण कुमार को पर्ची पर फर्जी हस्ताक्षर की आशंका हुई. कर्मचारी ने हेल्थ मैनेजर ब्रजेश कुमार को बुलाकर मामले की जानकारी दी. हेल्थ मैनेजर परिजन को पकड़ कर अस्पताल अधीक्षक के पास ले गये. अधीक्षक ने जब पूछताछ की तो मरीज के परिजन ने कहा कि उसके परिवार के एक सदस्य ने उसे यह पर्चा दिया था. उसने कहा था कि पर्ची दिखाने पर खून मिल जायेगा.
अधीक्षक ने खून देने पर रोक लगायी
अधीक्षक ने मरीज के परिजन से कहा कि परिवार के सदस्य को बुलाकर लाओ, तब मरीज के लिए खून मिलेगा. अपने रिश्तेदार को बुलाने की बात कह कर मरीज का परिजन फरार हो गया. वह देर शाम तक नहीं लौटा. अधीक्षक ने मरीज को खून देने पर रोक लगा दी.
अस्पताल में फर्जीवाड़े का प्रयास नहीं थम रहा
बता दें कि अस्पताल में इस तरह का फर्जीवाड़ा चलता रहता है. लेकिन इसकी रोकथाम के लिए अस्पताल प्रशासन कोई कड़ा एक्शन नहीं ले रहा है. कानूनी पचड़े में पड़ने के डर से अस्पताल ऐसी घटनाओं को नजर अंदाज करता रहा है. पिछले माह गोड्डा के एक मरीज से सीटी स्कैन कराने के नाम पर एक दलाल ने दो हजार रुपये की ठगी की थी.