Bihar News: भागलपुर में काली प्रतिमा विसर्जन के दौरान बूढ़ानाथ चौक पर पटाखा फोड़ने की वजह से हल्की भगदड़ मच गयी. जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ गया. बताया जा रहा है कि एक वार्ड पार्षद समेत कई लोगों को चोटें आईं. इसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पार्षद के साथ ज्यादती का आरोप लगाते हुए प्रतिमा को आगे ले जाने से मना कर दिया. एक घंटा से अधिक समय तक प्रतिमा रुकी रही. काफी मान मनौव्वल के बाद पूजा समिति के लोगों को प्रतिमा ले जाने के लिए तैयार किया गया. वहीं रविवार रात करीब पौने दस बजे मानिक सरकार पानी टंकी के पास से एक पूजा समिति के लोग आपस में भी उलझ गये. हालांकि पूजा समिति के लोगों ने समझा बुझा कर उन्हें शांत कराया.
प्रतिबंधित रूट पर प्रतिमा ले जाने को लेकर पुलिस से उलझी भीड़, बल प्रयोग
जवारीपुर में शनिवार देर रात प्रतिमा विसर्जन के दौरान प्रतिबंधित रूट से प्रतिमा ले जाने को लेकर भीड़ में शामिल कुछ असामाजिक तत्व पुलिस से उलझ गये. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. इधर मामले में अब पुलिस उपद्रवियों और पूजा समिति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई और प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी में जुट गयी है.
क्यों हुआ विवाद?
जानकारी के अनुसार शनिवार देर रात जवारीपुर पूजा समिति के कुछ लोग लाइसेंस देने की मांग और प्रतिबंधित रूट में जाने की बात पर अड़ गये थे. देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ जमा हो गयी. इस बात की जानकारी तुंरत तिलकामांझी थानाध्यक्ष को दी गयी. वह थाना के बल और अर्धसैनिक बलों के साथ मौके पर पहुंचे. और लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन लोग नहीं माने.
असामाजिक तत्वों पर पुलिस ने भांजी लाठियां
इस दौरान भीड़ में शामिल कुछ असामाजिक तत्व थानाध्यक्ष से बदतमीजी करने और अर्धसैनिक बलों से ही उलझ गये. यह देख पुलिस ने फौरन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठियां भी भांजी. इसके बाद पुलिस ने बचे हुए पूजा समिति के लोगों के साथ प्रतिमा को तिलकामांझी चौक से डीएम आवास के बगल से मायागंज के रास्ते मुसहरी घाट पर प्रतिमा को विसर्जित कराया.
जवारीपुर की पूजा समिति के विरुद्ध हुई थी कार्रवाई
बता दें कि पूर्व में जवारीपुर की पूजा समिति के विरुद्ध कटहलबाड़ी में हुए विवाद और फायरिंग मामले में केस दर्ज किया गया था. जिसको लेकर पूजा समिति को लाइसेंस निर्गत नहीं किया गया था और ना ही उन्हें महासमिति द्वारा तैयार किये गये रूट चार्ट की लाइन में शामिल होने की अनुमति दी गयी थी.