Bihar News: दिल्ली से फर्जी दस्तावेजों पर बन कर आते थे पासबुक व सिम, ब्रोकर के जरिये साइबर अपराधियों तक पहुंची पुलिस

Bihar News: भागलपुर पुलिस की टीम बंगाल और झारखंड में भी इस गिरोह से जुड़े लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही है.

By Radheshyam Kushwaha | October 23, 2024 9:17 PM

Bihar News: भागलपुर. जामताड़ा की तर्ज पर भागलपुर में चलाये जा रहे फिशिंग कॉल सेंटर के खुलासे के बाद भागलपुर पुलिस सहित मुख्यालय भी एक्टिव हो गया है. मिली जानकारी के अनुसार मामले में भागलपुर पुलिस की टीम बंगाल और झारखंड में भी इस गिरोह से जुड़े लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही है. उक्त दोनों जगहों से एक-एक अभियुक्त की गिरफ्तारी किये जाने की भी जानकारी मिली है. हालांकि भागलपुर पुलिस की दो टीमें दोनों राज्यों में बुधवार को भी छापेमारी करती रही. मामले का खुलासा करने को लेकर पुलिस अधिकारियों ने प्रेस वार्ता आयोजित नहीं की.

ऑनलाइन शॉपिंग एप के कर्मचारियों से ली जाती थी ग्राहकों के बारे में विस्तृत जानकारी, जानकारी देने के बदले प्रति ग्राहक 14 रुपये का भुगतान किया जाता था. दिल्ली से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनने वाले बैंक अकाउंट के पासबुक, एटीएम व निकलने वाले सिम हंसडीहा पहुंचाये जाते थे. हंसडीहा से बिहार, बंगाल व झारखंड में वितरित किये जाने की बात भी सामने आयी है. पूरे मामले में सबसे बड़ा खुलासा हुआ है कि विभिन्न ऑनलाइन शॉपिंग एप के कर्मचारियों से उनकी साइट या एप से खरीदारी करने वाले ग्राहकों का नाम-नंबर सहित उनकी विस्तृत जानकारी साइबर ठग खरीदते थे.

Also Read: Bihar News: बिहार में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए चिह्नित किए जायेंगे छठ घाट, जानें बनाने के लिए क्या लगेगा डॉक्यूमेंट

फिशिंग गिरोह के संचालक ऑनलाइन शॉपिंग एप के कर्मचारियों को हर ग्राहक की जानकारी देने के बदले 14 रुपये की दर से राशि भी देते थे. बंगाल से गिरफ्तार किया गया व्यक्ति ही 14 रुपये की दर से प्रति ग्राहक की सूचना के बदले में पैसे भेजता था. नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से मिल रही साइबर ठगी के मामलों की शिकायत के लिए जब कॉल सेंटर में मौजूद एक रजिस्टर से मिलान किया गया तो उसमें उक्त सभी ठगी के मामलों की भी इंट्री पायी गयी.

इससे उक्त ठगी इस गिरोह द्वारा किये जाने की पुष्टि हुई है. मामले में पुलिस ने भागलपुर के नाथनगर निवासी एक रेंट ब्रोकर को भी हिरासत में लिया है. इसके जरिये भागलपुर पुलिस फिशिंग कॉल सेंटर तक पहुंची थी. इस पूरे मामले को पुलिस ठगी कर अर्जित किये गये पैसों का टेरर फंडिंग में भी इस्तेमाल किये जाने से जोड़ कर जांच कर रही है.

Next Article

Exit mobile version