Bihar News: टीएमबीयू, सेंट्रल लाइब्रेरी, पीजी विभाग, अस्पताल, गेस्ट हाउस में 15 दिनों से बिजली नहीं है. लेकिन बिल नहीं जमा किया जा रहा है, सिर्फ बिजली बहाल करने को लेकर 15 दिनों में अधिकारियों द्वारा बयानबाजी कर केवल दावा ही किया जा रहा है. इसको लेकर विवि में अधिकारियों की बैठक भी हुई. ऐसे में विवि प्रशासनिक भवन से लेकर पीजी विभागों में स्टूडेंट्स की परेशानी बढ़ गयी है. बिना बिजली-पानी के स्टूडेंट्स किसी तरह क्लास कर रहे हैं.
किस अधिकारी ने बिजली मामले में क्या कहा
टीएमबीयू की प्रॉक्टर प्रो अर्चना कुमारी साह ने कहा था कि 27 मार्च को ही पावर ग्रिड के जमीन से संबंधित दस्तावेज रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र को उपलब्ध करा दी थी. रजिस्ट्रार का बयान गलत है कि उन्होंने पावर ग्रिड वाली जमीन के कागजात उन्हें उपलब्ध नहीं कराये हैं.
रजिस्ट्रार ने चार अप्रैल को कुलपति से कहा था कि विवि में बिजली आपूर्ति बहाल करने को लेकर उन्होंने बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों से मुलाकात की है. उन्हें इस बात की जानकारी दी गयी की अभी बिजली बिल का भुगतान संभव नहीं है. चूंकि राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के बैंक खातों से निकासी पर रोक लगा दी गयी है. कुलसचिव ने कुलपति को जानकारी देते हुए आश्वस्त किया था कि पांच अप्रैल तक बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जायेगी.
बिजली बिल मामले में बुधवार को विश्वविद्यालय के सिंडिकेट हॉल में कुलपति की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक हुई. इसमें कुलपति प्रो जवाहर लाल ने कहा था कि बिजली बिल मामले में उन्होंने पूर्व में ही रजिस्ट्रार को बिजली विभाग पर केस दर्ज कराने और मामले को कंज्यूमर कोर्ट ले जाने का आदेश लिखित रूप में दिया था. रजिस्ट्रार ने उनके आदेश को नजरअंदाज कर दिया. वीसी ने बैठक में रजिस्ट्रार के कार्य प्रणाली पर आपत्ति भी दर्ज करायी थी. वीसी ने बिजली मामले को लेकर रजिस्ट्रार को अधिकृत किया है.
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छात्र दरबार में आंदोलित छात्रों ने जेनरेटर बंद कराया, 225 स्टूडेंट को मिला डिग्री
टीएमबीयू में शनिवार को सीनेट हॉल में बिजली व पानी की मांग को लेकर आंदोलित छात्रों ने छात्र दरबार में हंगामा किया और जेनरेटर को बंद करा दिया. छात्र दरबार अंधेरे में ही आयोजित किया गया. करीब 225 स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गयी. वहीं, छात्रा के डिग्री में गलत लिखे जाने पर भी माहौल गर्म हो गया. छात्रा का कहना था कि अंग्रेजी में पीजी पास किया हैं और उसे हिंदी विषय की डिग्री दी जा रही. ऐसे ही एक और मामला सामने आया. हालांकि, अधिकारियों ने छात्रा को समझा-बुझाकर शांत कराया. डिग्री सही कर देने की बात कही. मौके पर डीएसडब्ल्यू प्रो बिजेंद्र कुमार, प्राॅक्टर डॉ अर्चना साह आदि मौजूद थीं. विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ आनंद कुमार झा ने बताया कि छात्र दरबार में करीब 250 मामले आये थे, जिसमें 225 डिग्री छात्रों को दी गयी.