Bihar Politics: 67 साल से इस सीट पर किसी महिला को नहीं मिली है जीत, पढ़िए क्यों?
Bhagalpur Politics: पहले लोकसभा चुनाव 1951 में भागलपुर दक्षिणी सीट से महिला प्रत्याशी को जीत मिली थी. इसके बाद भागलपुर में 1957 से 2024 तक इक्के-दुक्के निर्दलीय महिला उम्मीदवारों ने ही चुनाव लड़ा.
Bhagalpur Politics: देश में अब तक हुए 17 लोकसभा चुनाव के दौरान भागलपुर लोकसभा सीट से पहले चुनाव में महिला ने जीत दर्ज की है. इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में महिला प्रत्याशियों को टिकट देने में किसी भी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों ने रुचि नहीं ली. देश में आजादी के बाद पहला लोकसभा चुनाव 1951 में आयोजित हुआ था. इस चुनाव में भागलपुर दक्षिणी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की महिला उम्मीदवार सुषमा सेन को चुनाव में जीत मिली थी.
1957 में दूसरा लोकसभा चुनाव हुआ. दूसरे चुनाव से लेकर 18वें लोकसभा चुनाव 2024 तक महिला उम्मीदवारों की सूची में तीन उम्मीदवार के नाम हैं. इनमें 2014 में सीपीआइ एमएल पार्टी से रिंकी व 2024 में निर्दलीय उम्मीदवार रूपम देवी समेत 1991 में एक निर्दलीय उम्मीदवार हैं. 1957 से 2024 तक 67 साल के दौरान किसी भी मुख्य पार्टी ने आधी आबादी को चुनावी मैदान में नहीं उतारा.
मतदान करने में पुरुषों के साथ कतार में खड़ी महिलाएं
भले ही पार्टियों की प्रत्याशी सूची में महिलाएं शामिल नहीं हैं. जब वोटिंग की बारी आती है तो महिलाएं पुरुषों के साथ-साथ कतार में खड़ी नजर आती हैं. पिछले दो लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2014 में 4,51,359 महिलाओं व 5,22,657 पुरुषों ने मतदान किया. वहीं 2019 के भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में महिलाओं व पुरुषों ने लगभग बराबरी का मतदान किया.
पहले लोकसभा चुनाव में भागलपुर तीन भाग में विभक्त था
1951 में पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भागलपुर लोकसभा सीट तीन भागों में विभक्त था. इनमें पहला भागलपुर सेंट्रल, दूसरा भागलपुर सह पूर्णिया और तीसरा भागलपुर दक्षिणी क्षेत्र था. वहीं दूसरे लोकसभा चुनाव 1957 में भागलपुर दक्षिणी सीट बांका लोकसभा में तब्दील हो गया. वहीं भागलपुर सेंट्रल को भागलपुर लोकसभा, वहीं भागलपुर सह पूर्णिया को पूर्णिया लोकसभा सीट बना दिया गया. बांका लोकसभा सीट से 1957 में कांग्रेस प्रत्याशी शकुंतला देवी ने जीत दर्ज की है.
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