बिहार: मुंगेर में शिक्षकों से रंगदारी मांगने वाला धराया, पहले भी कर चुका था कई हेडमास्टरों का अपहरण
Bihar Teacher News: मुंगेर जिले के टेटियाबंबर प्रखंड के तीन विद्यालयों के तीन प्रधानाध्यापक व शिक्षकों से नक्सली के नाम से लेवी की चिट्ठी मांगने वाला कोई शरारती तत्व नहीं बल्कि अपराधी ही था. भागलपुर से पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
Bihar Teacher News: मुंगेर जिले के टेटियाबंबर प्रखंड के तीन विद्यालयों के तीन प्रधानाध्यापक व शिक्षकों से नक्सली के नाम पर लेवी मांगने के मामले का पुलिस ने उद्भेदन कर लिया है. इस मामले के मुख्य आरोपी रंजन बिंद को पुलिस ने भागलपुर जिले के सबौर थाना क्षेत्र के बाबूमठ टोला से गिरफ्तार किया गया. जबकि उसके एक अन्य सहयोगी रंधीर कुमार को भागलपुर जिले के बरारी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया. इसके पास से तीन मोबाइल जब्त किया गया. इसमें एक मोबाइल वह भी था जिससे नक्सली पैड पर शिक्षकों को लेवी के लिए पीडीएफ भेजा गया था.
माओवादी के नाम पर रंगदारी की थी मांग
मुख्यालय डीएसपी आलोक रंजन ने बताया कि चार अप्रैल को टेटियाबंबर प्रखंड के मध्य विद्यालय भालगुरी के प्रभारी प्रधानाध्यापक नारद यादव, प्राथमिक विद्यालय जगतपुरा बरहट्टा के मो. सउद आलम एवं प्राथमिक विद्यालय अराजी तिलकारी के प्रभारी प्रधानाध्यापक विष्णु कुमार साह को मोबाइल पर एक पत्र का पीडीएफ भेज कर माओवादी के नाम पर रंगदारी मांगी थी. इस मामले में शिक्षकों ने लिखित आवेदन पर टेटियाबंबर ओपी में दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी का गठन किया गया. तकनीकी विश्लेषण में रंगदारी मांगने वाले की पहचान हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के समदा गांव निवासी रंजन बिंद के रूप में हुई.
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भागलपुर से गिरफ्तारी
पुलिस ने सूचना एकत्रित कर उसे भागलपुर जिले के सबौर थाना क्षेत्र के बाबूमठ टोला से गिरफ्तार किया. जहां वह किराये के मकान में छिप कर रह रहा था. उसने अपनी संलिप्तता इस मामले में स्वीकार की. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने भागलपुर जिले के ही बरारी से रंधीर कुमार को गिरफ्तार किया. जहां से लेवी मांगने के लिए प्रयोग किये गये मोबाइल को जब्त किया गया. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार कुख्यात अपराधी रंजन बिंद का पूर्व में आपराधिक इतिहास रहा है. वह कई बार जेल भी जा चुका है.
नक्सलियों के नाम पर वसूलता था लेवी, कई बार जा चुका है जेल
रंजन बिंद कभी माओवादी संगठन से जुड़ा हुआ था. लेकिन कुछ वर्ष बाद ही उसने नक्सली गिरोह से अलग होकर खुद का आपराधिक गिरोह तैयार कर लिया है जो शिक्षकों को नक्सलियों का खौफ दिखाकर लेवी वसूली का काम करता है. उस पर अपरहण, रंगदारी व लूट का खड़गपुर थाने में 12, संग्रामपुर थाने में 2 और तारापुर व बरियारपुर थाने में 1-1 ममाले दर्ज हैं. वर्ष 2014 में उसे कासिम बाजार थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर से कई अपराधियों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जबकि वर्ष 2016 में उसे मुंगेर-लखीसराय सीमावर्ती जंगल से पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
प्रधानाध्यापकों का कर चुका है अपहरण
भागलपुर पुलिस ने उसे 2017 में पिस्टल, कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था. उसने पूर्व के वर्षों में हवेली खड़गपुर प्रखंड के बैजलपुर उच्च विद्यालय क प्रधानाध्यापक सुबोध साह का फिरौती के लिए अपहरण किया था. जबकि जबकि मध्य विद्यालय धपरी के प्रधानाध्याक रूपेश कुमार सिंह व धीरेंद्र मांझी का अपरहण फिरौती के लिए किया था. दोनों मामलों में उसने मोटी लेवी वसूल किया था.
शिक्षकों से लेवी की मांग
2016 में भी उसने हवेली खड़गपुर के एक शिक्षक रजनीश से भी लेवी मांगा था. जबकि एक सप्ताह पूर्व उसने टेटियाबंबर प्रखंड के तीन विद्यालय के प्रधानाध्यापक से नक्सलियों के नाम पर लेवी का डिमांड किया था. जिसमें उसे मुंगेर पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया. रंजन बिंद अब तक 10 बार जेल जा चुका है. उस पर यूपीए एक्ट भी लगा हुआ है.