आशुतोष पाठक की हत्या के आरोपित पूर्व थानाध्यक्ष की गिरफ्तारी को ताबड़तोड़ छापेमारी, SIT जांच शुरू
बिहपुर थाना क्षेत्र के मड़वा गांव के युवक आशुतोष पाठक की पीट कर हत्या करने के मामले में आरोपित बिहपुर के पूर्व थानाध्यक्ष रणजीत कुमार फरार हैं. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. इस मामले में पूर्व थानाध्यक्ष के अलावा थाना की गाड़ी के चालक और कुछ पुलिस कर्मियों को भी आरोपित बनाया गया है. वाहन का निजी चालक भी भूमिगत हो गया है.
बिहपुर थाना क्षेत्र के मड़वा गांव के युवक आशुतोष पाठक की पीट कर हत्या करने के मामले में आरोपित बिहपुर के पूर्व थानाध्यक्ष रणजीत कुमार फरार हैं. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. इस मामले में पूर्व थानाध्यक्ष के अलावा थाना की गाड़ी के चालक और कुछ पुलिस कर्मियों को भी आरोपित बनाया गया है. वाहन का निजी चालक भी भूमिगत हो गया है.
दो साल की बच्ची के सिर से पिता का साया उठा
मड़वा पश्चिम पंचायत के वार्ड नंबर सात स्थित ई आशुतोष पाठक के घर मातम पसरा है. परिजनों की आंखों से आंसू थम नहीं रहे हैं. आशुतोष की पत्नी स्नेहा पाठक की हंसती-खिलखिलाती दुनिया एक झटके में उजड़ गयी है. दो साल की उनकी बच्ची के सिर से पिता का साया उठ गया है. पूरे मड़वा में मातम पसरा हुआ है. गांव सहित पूरे इलाके में पुलिस के खिलाफ भारी रोष है.
दादी ने बताया,हर साल नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने आता था गांव
बुधवार को मृतक की दादी प्रभा देवी ने रोते हुए बताया कि शहर में पढ़ने व रहने के बाद भी उसका पोता गांव के संस्कारों से जुड़ा था. हर साल नवरात्र में वह कुल देवता व मां दुर्गा की पूजा करने गांव जरूर आता था. यहां आने पर वह सभी से आदर व सम्मान के साथ मिलता था. कुछ माह पहले उसे लीवर की बीमारी हो गयी थी. उसके बाद भी वह हंसता-बोलता रहा. लेकिन पुलिस ने उसके पाते की जान ले ली.
परिजनों ने कहा- काल रूपी पुलिस ने आशुतोष को मार डाला
आशुतोष के चाचा सुमन पाठक, संजय पाठक, प्रफुल्ल पाठक, चाची बिंदु देवी, संगीता देवी, मोना पाठक, बबली देवी, अक्षय पाठक, अंकित पाठक, शुभम पाठक आदि ने बताया कि आशुतोष हर साल की तरह इस बार भी नवरात्र में कुल देवता व दुर्गा पूजा करने 24 अक्तूबर को गोड्डा से बाइक से पत्नी व बच्ची के साथ गांव आया था. 24 को ही भ्रमरपुर से पूजा कर लौटने के दौरान मड़वा के महंत स्थान चौक के पास काल के रूप में खड़े पुलिस वालों ने उसे मार डाला.
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अस्तपाल में इलाज के दौरान मौत
वहां उसकी किसी व्यक्ति से बहस हो रही थी. तभी सादे लिबास में आये पुलिस कर्मियों ने उसका कालर पकड़ लिया. उसे पता नहीं था कि सादे लिबास में ये लोग पुलिस वाले हैं. उसने पुलिस की हरकत का विरोध किया. इसी बात पर पुलिस ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी जिससे उसकी हालत गंभीर हो गयी. 25 अक्तूबर की सुबह अस्तपाल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. छोटे भाई सूरज समेत परिवार के अन्य सदस्य भागलपुर के बूढ़ा नाथ स्थित घर पर आशुतोष के श्राद्धकर्म करने में लगे हुए हैं.
सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा हैशटैग ‘जस्टिस फाॅर आशुतोष’
इधर सोशल मीडिया पर हैशटेग जस्टिस फाॅर आशुतोष ट्रेंड कर रहा है. मृतक के भाई सूरज पाठक ने अपना एक वीडीओ पोस्ट कर इस अभियान से जुड़कर उनके भाई को न्याय दिलाने में मदद करने की लोगों से अपील की है. बिहपुर में तीन नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया पर वोट बहिष्कार करने की अपील की जा रही है.
कहती हैं एसपी
एसपी स्वप्ना जी मेश्राम ने बताया कि मामले का त्वरित अनुसंधान और आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कार्यवाही शुरू हो गयी है. मामले की निष्पक्षता के साथ जांच के लिए मंगलवार को नवगछिया के एसडीपीओ दिलीप कुमार के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया है.
Posted by: Thakur Shaktilochan