Bihar Bird Festival : कई वैज्ञानिकों ने गंगा में पहली बार देखा घड़ियाल, परिंदों को कैमरे में कैद करने की मची होड़

Bird Festival In Bhagalpur बिहार बर्ड फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को पांच समूह में बंट कर पक्षी वैज्ञानिकों ने कई शोध कार्य किये. वैज्ञानिकों ने कई विलुप्तप्राय: पक्षियों को स्वभाव, रहन-सहन से संबंधित डाटा एकत्र किये. लगभग 200 पक्षियों की तस्वीरें खींची.

By Prabhat Khabar News Desk | December 13, 2020 3:51 PM

Bird Festival In Bhagalpur बिहार बर्ड फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को पांच समूह में बंट कर पक्षी वैज्ञानिकों ने कई शोध कार्य किये. वैज्ञानिकों ने कई विलुप्तप्राय: पक्षियों को स्वभाव, रहन-सहन से संबंधित डाटा एकत्र किये. लगभग 200 पक्षियों की तस्वीरें खींची.

सुलतानगंज से विशनपुर तक दियारा क्षेत्र में होते रहे शोध

पक्षी वैज्ञानिकों ने सुबह सात से शाम चार बजे तक शोध कार्य किये. यहां कई तरह की पक्षियों को देखने को मिले. इस पहले समूह में पक्षी वैज्ञानिक अरविंद मिश्रा, डीएफओ एस सुधाकर, वन अधिकारी भरत चिंतपिल्लई सहित 12 शोध वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया.

गंगा में दिखा घड़ियाल

सुलतानगंज से विशनपुर दियारा के रास्ते में बीच गंगा में घड़ियाल देख कर लोग उत्साहित हो गये. कई वैज्ञानिक ने गंगा में पहली बार घड़ियाल को देखा, लोगों को सहज ही विश्वास नहीं हो रहा था, कि गंगा के इस क्षेत्र में घड़ियाल की शरणस्थली भी है.

चमकते रहे कैमरे के फ्लैश, उड़ती रही पक्षियां

सुलतानगंज से विशनपुर तक जब शोध कार्य के लिये वैज्ञानिकों ने कैमरे निकाले, तो इसकी आहत शायद पक्षियों को पहले ही मालूम चल जाती, जैसे ही कैमरा क्लिक होता, पक्षियों की उड़ने की कलकलाहट सुनायी देती. कोई बोलता अरे, यह तो साइबेरिन क्राउन है, तो कोई कहता कि यह हग पक्षी है. लेकिन, उड़ते-उड़ते कई पक्षी फोटोग्राफी के कई शॉट दे जाते. वैज्ञानिक इस फोटोग्राफी से कई शोध कार्य करेंगे.

कहीं दिखा गरूड़, तो कही दिखा गोल्डन डक

सुलतानगंज दियारा क्षेत्र में कई जगह गरूड़ दिखा, तो कहीं दियारा की शोभा गोल्डन डक दे रहा था. मानो दियारा की खुबसूरती इन्हीं पक्षियों से है, लोग देख कर भी आनंदित हो रहे थे.

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