भागलपुर : कोरोना संक्रमण के कारण शहर के स्वास्थ्य विभाग और निगम का मानवता शर्मसार का करनेवाला चेहरा देखने को मिला. बुधवार को लगभग सुबह सवा ग्यारह बजे दवापट्टी की एक मेडिकल दुकान में अस्थमा का इनहेलर लेने आये युवक की दुकान के चौखट के पास ही मौत हो गयी. मौत की खबर पूरे शहर में फैल गयी.
दवा दुकानदार ने पुलिस को बताया कि आदमी ने इनहेलर लिया, उसे अस्थमा की बीमारी थी. जैसे ही इनहेलिंग किया, टेबुल पर बैठक गया. कुछ देर बाद वह गिर गया. गिरने से वह अचेत हो गया और उसकी मौत हो गयी. सभी को लगा कि इसकी मौत कोरोना के कारण हुई है. इसीलिए देखने के लिए काफी भीड़ थी, लेकिन आगे आकर किसी ने मदद नहीं की.
पुलिस को जानकारी लगने के कुछ देर बाद कोतवाली पुलिस आयी, लेकिन वह भी दूर रही. फिर गाड़ी चली गयी. कुछ देर बाद कोतवाली इंस्पेक्टर अमर विश्वास आये. लगभग डेढ़ घंटे बाद सीटी डीएसपी राजवंश सिंह सहित कई अधिकारी साथ थे. घटनास्थल पर आने के बाद उन्होंने कई जानकारी ली. फिर उस दुकानदार से बात की और सारी जानकारी ली.
बॉडी को उठाने और उसके कोरोना जांच के लिए सिविल सर्जन और शव को उठाने के लिए निगम को फोन किया. सिविल सर्जन भी शव को उठाने के लिए टाल-मटोल करता रहा. पहले जो एंबुलेन्स आयी थी, वह लौट गयी. कई बार कहने के बाद सिविल सर्जन की ओर से कोई रिश्वपांस नहीं मिला.
घटना की जानकारी लगते हुए डिप्टी मेयर राजेश वर्मा पहुंचे और सिटी डीएसपी से बात की. उनके कई बार फोन करने के बाद लगभग पांच घंटे बाद लगभग चार बजे शाम को निगम दो लोगों को भेजा. लेकिन, निगम ने पीपीपी किट नहीं दिया था. दवापट्टी के दुकानदार ने दो पीपीपी किट उपलब्ध कराया. दोनों ने उसे पहन कर उस युवक का शव को काले रंग के पैकेट में रख कर उसे एंबुलेन्स में रखा. लगभग साढ़े चार बजे वहां से एंबुलेन्स रवाना हुआ. एंबुलेंस मायागंज अस्पताल ने उपलब्ध कराया.
युवक की पहचान नहीं हो पायी है. कोतवाली इंस्पेक्टर अमर विश्वास ने युवक का झोला चेक करवाया, तो उसमें मिर्ची, दवा और सूई थी. वहीं, युवक की पहचान के लिए उसकी फोटो को वायरल किया है, ताकि उस युवक की पहचान हो सके.
डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने कहा कि कोरोना काल में अब स्वास्थ्य विभाग की ही सांसें उखड़ने लगी हैं. स्थिति यह है कि 11:30 बजे कॉल और मैसेज द्वारा विभाग को जानकारी देने के बाद 4:30 बजे तक मेरे वार्ड-38 के आत्माराम मेडिकल हॉल के सामने दम तोड़ चुके व्यक्ति के शव को उठाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से कोई व्यक्ति नहीं पहुंचा. और ना ही पिछले दो घंटे से विभाग के आला अधिकारियों एवं जिम्मेदारों को कॉल करने के बाद कोई पहल की गयी. उन्होंने कहा कि यह मेरे विभाग नगर निगम का कार्य नहीं है. फिर भी मानवता के नाते खुद निजी स्तर से दो मजदूरों को पीपीई किट उपलब्ध करा कर शव को उठवाने की व्यवस्था की. जिस डर ने लोगों के मन में अपना घर करना शुरू कर दिया है, वह कोरोना नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की कोरोना को लेकर तैयारी है. आप कल्पना कर सकते हैं कि इमरजेंसी की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग की क्या प्रतिक्रिया हो सकती है. इसीलिए अपनी जान के प्रति वफादार बनें और खुद के साथ अपने परिवार एवं समाज को सुरक्षित रखें.
नगर निगम के उप नगर आयुक्त सतेंद्र प्रसाद वर्मा ने कहा कि यह काम स्वास्थ्य विभाग का है. मानवता के नाते निगम ने वहां पर दो लोगों को भेजा. स्वास्थ्य विभाग का काम यह है.
Posted By : Kaushal Kishor