दीपक राव, भागलपुर भागलपुर की बेटी डॉ श्वेता सिंह का इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी, नई दिल्ली की ओर से गन्ना को वायरस से सुरक्षित रखने के लिए जीनोम एडिटिंग पर शोध के लिए साइंटिस्ट के रूप में चयन हुआ. डॉ श्वेता तिलकामांझी की वाली है. पिता शशांक कुमार सिंह फार्मा कंपनी से सेवानिवृत्त हैं, जबकि माता ज्ञानलता सिंह हाउस वाइफ हैं. सेंट जोसेफ, भागलपुर से 10वीं व 12वीं माउंट असीसी, भागलपुर से पास की. इसके बाद बिहार एग्रीकल्चर कॉलेज, सबौर से बीएससी और तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कोम्बटूर से एमएससी की. यहां आइसीएआर जेआरएफ फेलोशिप किया. प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, हैदराबाद से पीएचडी की. श्वेता ने बताया कि वह आठ सालों से सिक्किम व लखनऊ में कृषि वैज्ञानिक के तौर पर काम कर रही है.
गन्ना पर वायरस अटैक को रोकने के लिए कर रही हूं काम
डॉ श्वेता ने बताया कि गन्ना के फेमस वेराइटी को टारगेट करके वायरस को नियंत्रित करने के लिए काम कर रही हूं. वायरस पर कोई नियंत्रण नहीं होता है. ऐसे में वायरस के अंदर जीनोम एडिटिंग पर काम हो रहा है. इससे वायरस की बीमारी क्षमता को खत्म कर दी जायेगी. फिर गन्ना का नुकसान नहीं होगा. इस शोध को लेकर ही -इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी, नई दिल्ली की ओर से साइंटिस्ट के रूप में चयन हुआ है. असिस्टेंट एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर माधवेंद्र नारायण ने आइएनएसए विजिटिंग साइंटिस्ट प्रोग्राम 2024-25 के लिए चयन किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है