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Bhagalpur News: बॉटनी विभाग को मिले दो प्रोजेक्ट हो सकता वापस, विवि से राशि अब तक नहीं हुआ ट्रांसफर

प्रोजेक्ट फंड में राशि नहीं मिलने से वर्क नहीं हो पा रहा शुरू

प्रभात खास

– प्रोजेक्ट फंड में राशि नहीं मिलने से वर्क नहीं हो पा रहा शुरू

आरफीन, भागलपुर

टीएमबीयू के पीजी बॉटनी विभाग को रिसर्च एजेंसी से मिले दो प्राेजेक्ट वापस हो सकता है. इसे लेकर विभाग के हेड की परेशानी बढ़ा दी है. दरअसल, रिसर्च एजेंसी आइयूसीएम से विवि को प्रोजेक्ट के लिए राशि विवि को उपलब्ध करा दी है. लेकिन विवि से प्रोजेक्ट फंड में उस राशि को ट्रांसफर नहीं किये जाने से वर्क शुरू नहीं हो सका. बताया जा रहा है कि विवि के रजिस्ट्रार कार्यालय में माह से फाइल रखी है. लेकिन रिसर्च वर्क शुरू करने के लिए प्रोजेक्ट फंड में विवि से अबतक 11 लाख से अधिक राशि ट्रांसफर नहीं किया गया है. ऐसे में समय से दोनों प्रोजेक्टर शुरू नहीं होने से एजेंसी द्वारा विभाग से प्रोजेक्ट को वापस ले सकता है.

ये है प्रोजेक्ट –

बिहार व झारखंड में विलुप्त औषधीय पौधे का होना है उत्पादन

बॉटनी विभाग के गार्डन में बिहार व झारखंड में विलुप्त हो रहे 11 प्रजाति के औषधीय पौधे का उत्पादन किया जायेगा. इसे लेकर आइयूसीएम. बिहार-झारखंड में विलुप्त हो रहे औषधीय पौधों को फिर से उत्पादन विभाग के गार्डन में किया जायेगा. लेकिन राशि नहीं मिलने से काम नहीं शुरू हो सका. आइयूसीएम व बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने बॉटनी विभाग के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी. इस प्रोजेक्ट के लिए करीब 30 लाख की राशि उपलब्ध करायी जायेगी. विभाग के हेड डॉ एसके चौरसिया को प्रोजेक्ट का इंचार्ज बनाया गया है.

बॉटनी विभाग के शिक्षक डॉ विवेक कुमार सिंह को केला के पौधे में होने वाले पनामा रोग के उपचार के लिए प्रोजेक्ट मिला है. यह प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी रिसर्च बोर्ड नयी दिल्ली से मिला है. इस प्रोजेक्ट के लिए भी 30 लाख रुपये की मंजूरी दी गयी है. एजेंसी से राशि विवि को भेज दिया गया है. लेकिन प्रोजेक्ट फंड में राशि ट्रांसफर नहीं किया गया है. वर्ष 2023 में वर्क शुरू होना था. पांच माह गुजर जाने के बाद भी काम शुरू नहीं हो सका है.

बोले विभागाध्यक्ष व रजिस्ट्रार

एजेंसी ने प्रोजेक्ट के लिए समय निर्धारित कियाविभाग के हेड प्रो एचके चौरसिया ने कहा कि प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए एजेंसी ने विवि को फंड भेज दिया है. लेकिन प्रोजेक्ट फंड में विवि से राशि नहीं भेजा गया है. एक अन्य दूसरे प्रोजेक्ट का भी यही हाल है. जबकि वर्ष 2025 के अप्रैल तक एक लॉट का काम होना पूरा करने का निर्देश एजेंसी से मिला है. निर्धारित तिथि पर काम पूरा नहीं होने पर एजेंसी राशि सहित प्रोजेक्ट वापस ले सकती है. बॉटनी विभाग के प्रोजेक्ट की फाइल का निष्पादन किया जायेगा. प्रोजेक्ट को वापस नहीं होने दिया जायेगा. फाइल का निष्पादन तुंरत होगा.

डॉ विकास चंद्र, रजिस्ट्रार

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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