बुजुर्गों ने उम्र को दी मात, तो युवाओं में पहली बार मतदान का दिखा उत्साह

लोकतंत्र के महापर्व में अलग-अलग उम्र, जाति, धर्म व वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 26, 2024 10:02 PM

लोकतंत्र के महापर्व में अलग-अलग उम्र, जाति, धर्म व वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया. इतना ही नहीं चिलचिलाती धूप की परवाह किये बिना ही मतदान करने के लिए बूथ तक पहुंचे भी. इसमें 90 साल से अधिक उम्र की वयोवृद्ध महिला व पुरुषों ने भी जज्बा दिखाया. कोई लाठी के सहारे पहुंचे, तो किन्हीं को परिजन अपने सहारे लेकर पहुंचे और मतदान किया. इसी बीच छात्र नेता मां के निधन के बाद महापर्व में शामिल हुए और लोकतंत्र के महत्व को समझा. कई युवाओं ने पहली बार मतदान करके अपने उत्साह से अवगत कराया. पहली बार मतदान कर जतायी खुशी लोकतंत्र के महापर्व में एक मतदाता के रूप में मेरी प्रथम सहभागिता राष्ट्र को समर्पित है. मेरा एक मतदान लोकतंत्र के स्तंभ को मजबूत करेगा. मतदान मेरा प्रथम कर्तव्य और अधिकार है. सागर कुमार दिनकर, विषहरी स्थान चौक, चंपानगर ————– लोकसभा चुनाव में पहली बार की वोटिंग लोकसभा चुनाव में पहली बार वोटिंग की, जबकि इससे पहले विधानसभा व नगर निगम चुनाव में वोटिंग की थी. मतदान करके देश के विकास में भागीदारी निभाऊंगा. अर्जुन सिंह, जिम ट्रेनर ———— 93 साल की उम्र में हृदय की बीमारी से ग्रस्त लक्ष्मी नारायण ने किया मतदान दक्षिणी क्षेत्र अंतर्गत मोहद्दीनगर निवासी 93 वर्षीय भागलपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से सेवानिवृत्त लक्ष्मी नारायण केसरी ने हृदय की बीमारी के बाद भी मतदान करने के लिए बूथ पर पहुंचे. करीब 12 साल से पेसमेकर लगा हुआ है. उन्होंने अब तक सभी चुनाव में मतदान किया. उन्हें मतदान केंद्र तक पहुंचाने में बहू दिव्या केसरी ने मदद की. ———— 80 प्रतिशत तक दिव्यांग विलास बागची ने किया मतदान कालीबाड़ी पूजा समिति के महासचिव विलास बागची 80 प्रतिशत तक दिव्यांग हैं. दुर्गा चरण प्राथमिक विद्यालय स्थित मतदान केंद्र में असुविधा से अवगत कराते हुए कहा कि यहां प्रशासन की ओर से व्हीलचेयर की सुविधा नहीं दी गयी. परिजनों ने गोद में लेकर मतदान कराया. ———– 1952 से मतदान करते आ रहे हैं आरएस चौधरी लालबाग निवासी 86 वर्षीय आरएस चौधरी 1952 से ही मतदान करते आ रहे हैं. उद्योग विभाग में कार्यरत थे. युवाओं को लोकतांत्रिक व्यवस्था बनाये रखने को प्रेरित करते हैं. उन्होंने भारत का नाम विश्व में रोशन हो, इसलिए मतदान किया. ———– 90 साल की सुदामा देवी ने किया मतदान आदमपुर निवासी 90 वर्षीया सुदामा देवी मतदान केंद्र तक पहुंचने में अक्षम थी, लेकिन पुत्र ज्ञानचंद व अन्य परिवार के सदस्यों ने मतदान करने में सहायता की.

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