राष्ट्रीय अंगिका समन्वय समिति की ओर से शुक्रवार को अंगिका की उपेक्षा के विरोध में महाधरना का आयोजन सैंडिस कंपाउंड दक्षिणी गेट समीप हुआ.
सरकार से मांग की गयी कि केंद्र सरकार अंगिका के लिए भाषा कोड निर्गत करे, एनसीआरटी अपनी पुस्तक में संशोधन करे. जिसमें अंग क्षेत्र को मिथिला में शामिल किया है, राज्य सरकार अंगिका अकादमी का अध्यक्ष नियुक्त करे, बीपीएससी द्वारा अंगिका शिक्षक की बहाली हो और यूजीसी अंगिका में नेट / जेआरएफ की परीक्षा करे. गौतम सुमन ने कहा कि एनसीइआरटी का कृत्य भाषा और संस्कृति के साथ खिलवाड़ है. सुधीर कुमार प्रोग्रामर ने कहा कि मुख्यमंत्री आपके कार्यकाल में अंगिका अकादमी बनी, वह लुंज पुंज क्यों है और उसका अध्यक्ष क्यों नहीं है. अंगिका पढ़े लिखे छात्र- छात्राएं भटक रहे हैं, क्योंकि बीपीएससी इसके लिए कोई रिक्तियां नहीं निकाल रही. भारत सरकार के पास आपकी सरकार ने यह सूचना नहीं भेजी कि अंगिका एक महत्वपूर्ण भाषा है और इसे एक कोड मिलना चाहिए. करोड़ों लोगों की भावनाओं के साथ खेल कर रहे हैं. ऐसे में यह कैसी प्रगति यात्रा. अंगवासी अंगिका की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं करेंगे.
डॉ मनोज मीता, कुमार गौरव, त्रिलोकी नाथ दिवाकर, देवज्योति मुखर्जी, शीतांशु अरुण, प्रसून लतांत, गौतम गर्जना, सत्यनारायण मंडल, सौरभ, गौरव , नवनीत ,विकास कुमार डॉ मनोज, डॉ अलका सिंह, डॉ उमेश नीरज, ललिता, नवज्योति, शंभु कुमार, सनोज कुमार , गौतम कुमार सुमन, किंशुक आनंद, नवनीत आनंद, पवन कुमार, शशिभूषण सिंह, सकलदेव सिंह, कृष्ण किंकर मंडल, अंगिका राय, प्रभाकर संजीत, बबीता, आनंद किशोर, सुधीर यादव आदि शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है