अंग क्षेत्र को मिथिला क्षेत्र बताना बड़ी ज्यादती
राष्ट्रीय अंगिका समन्वय समिति की ओर से शुक्रवार को अंगिका की उपेक्षा के विरोध में महाधरना का आयोजन सैंडिस कंपाउंड दक्षिणी गेट समीप हुआ.
राष्ट्रीय अंगिका समन्वय समिति की ओर से शुक्रवार को अंगिका की उपेक्षा के विरोध में महाधरना का आयोजन सैंडिस कंपाउंड दक्षिणी गेट समीप हुआ.
कार्यक्रम के संयोजक डॉ योगेन्द्र ने कहा कि यह अंगिका भाषा भाषी के मान सम्मान की लड़ाई है. आज जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संपूर्ण बिहार में प्रगति यात्रा कर रहे हैं, तो क्या छह करोड़ अंगिका भाषा भाषी अपनी भाषा की प्रगति के हकदार नहीं हैं. डॉ अमरेंद्र ने कहा कि प्राचीन अंगमहाजनपद की राजधानी को मिथिला बताया जा रहा है,यह ज्यादती है.सरकार से मांग की गयी कि केंद्र सरकार अंगिका के लिए भाषा कोड निर्गत करे, एनसीआरटी अपनी पुस्तक में संशोधन करे. जिसमें अंग क्षेत्र को मिथिला में शामिल किया है, राज्य सरकार अंगिका अकादमी का अध्यक्ष नियुक्त करे, बीपीएससी द्वारा अंगिका शिक्षक की बहाली हो और यूजीसी अंगिका में नेट / जेआरएफ की परीक्षा करे. गौतम सुमन ने कहा कि एनसीइआरटी का कृत्य भाषा और संस्कृति के साथ खिलवाड़ है. सुधीर कुमार प्रोग्रामर ने कहा कि मुख्यमंत्री आपके कार्यकाल में अंगिका अकादमी बनी, वह लुंज पुंज क्यों है और उसका अध्यक्ष क्यों नहीं है. अंगिका पढ़े लिखे छात्र- छात्राएं भटक रहे हैं, क्योंकि बीपीएससी इसके लिए कोई रिक्तियां नहीं निकाल रही. भारत सरकार के पास आपकी सरकार ने यह सूचना नहीं भेजी कि अंगिका एक महत्वपूर्ण भाषा है और इसे एक कोड मिलना चाहिए. करोड़ों लोगों की भावनाओं के साथ खेल कर रहे हैं. ऐसे में यह कैसी प्रगति यात्रा. अंगवासी अंगिका की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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