अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर बुधवार को उप श्रमायुक्त कार्यालय भागलपुर में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन श्रम अधिक्षक नलिनी कांत कुमार एवं संतोष कुमार झा, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ललन कुमार, समग्र सेवा के जिला समन्वयक सुनील कुमार, भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार लाल, जिला मंत्री चितरंजन पांडेय एवं सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ने संयुक्त रूप से किया.
श्रम अधीक्षक नलिनीकांत कुमार ने कहा कि बाल श्रम जैसी समाजिक कुप्रथा को समाप्त करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम को किया गया. व्यापक रूप से प्रचार प्रसार कर किसी भी बच्चे इस दलदल से निकाला जायेगा या दलदल में नहीं फंसे इसकी व्यवस्था की जायेगी. 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे का नियोजन किसी भी संस्थान में न हो. यह पूरी तरह से प्रतिबंधित है.श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों ने इस पर विशेष चर्चा की.
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार लाल ने कहा कि कम उम्र के बच्चे से प्रतिष्ठान कम पैसे देकर काम कराता है. इसी कारण बड़े मजदूरों का अधिकार छीना जाता है और बेरोजगारी बढ़ती है. इस पर अंकुश लगाने से बेरोजगारी में भी कमी आयेगी. इसका प्रचार प्रसार चौक चौराहों पर भी होने चाहिए.
जिला मंत्री ने भी कहा वैसे बच्चे बाल श्रम करने के लिए मजबूर होते हैं, जिनके माता-पिता का साया छीना जाता है, तो वे दो जून की रोटी के लिए मजदूरी करने को विवश होते हैं. ऐसे बच्चे के लिए समाज, समाजवादी संगठन, सरकार एवं सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर इस विचार कर बाल श्रम पैदा होने रोकने के लिए आगे आने की जरूरत है.
अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर हुई संगोष्ठी
स्वाभिमान द्वारा स्थानीय प्रगति शिक्षण संस्थान मंदरोजा में अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर बच्चे समाज और राष्ट्र के भविष्य विषय पर संगोष्ठी हुई. अध्यक्षता संस्था के संस्थापक जगतराम साह कर्णपुरी ने की. रंजन कुमार राय ने कहा कि आज के बच्चे कल का भविष्य हैं. बच्चों की जगह दुकानों में नहीं, स्कूलों में होनी चाहिए. मुख्य अतिथि डॉ संजय कुमार ने अपने विचार रखे. इस मौके पर प्रेम कुमार प्रिय, डॉ संतोष ठाकुर, शैलेश प्रसाद सिंह, दिलीप दास और राजीव रंजन उपस्थित थे.