पिछले पांच सालों से एक बीमा कंपनी से लड़ाई लड़ रही नवगछिया के तेतरी की रहने वाली नर्सरी संचालिका ललिता देवी के पक्ष में जिला उपभोक्ता आयोग में फैसला सुनाया है. जिसके बाद बीमा कंपनी द्वारा उन्हें 14 लाख रुपये के चेक सौंप दिया गया. जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह ने उपभोक्ता फोरम में ललिता देवी के चेक दिया. इस दौरान आयोग के सदस्य मो महफूज आलम, वादिनी के अधिवक्ता सीताराम सिन्हा आदि उपस्थित थे. मामले की वादिनी ललिता देवी ने फोरम के प्रति अपना आभार प्रकट किया. क्या था मामला : वर्ष 2019 के अगस्त माह में बाढ़ में तेतरी में मौजूद ललिता देवी की नैना नर्सरी नामक प्रतिष्ठान बह गयी थी. जिसमें उन्होंने दावा किया था कि घटना में उन्हें कुल 23.45 लाख रुपये का नुकसान हुआ था. क्योंकि ललिता देवी ने पूर्व से ही एसबीआइजीआइसी नामक बीमा कंपनी से अपनी नर्सरी का बीमा कराया था तो उन्होंने इस बाबत कंपनी में आवेदन दिया. कंपनी ने आवेदन को खारिज कर दिया. इसके बाद वर्ष 2020 में ललिता देवी उपभोक्ता फोरम के शरण में आयी. जहां तीन सालों तक चले वाद के बाद 4 नवंबर 2023 को न्यायालय ने वादिनी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें 17.36 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश के बावजूद कंपनी द्वारा महीनों तक भुगतान नहीं किये जाने के बाद वादिनी ने फिर से 2024 में न्यायालय में वाद दाखिल किया. जिसके बाद न्यायालय में वादिनी और विपक्षी पक्ष के बीच हुए समझौते के बाद कंपनी की ओर से वादिनी को 14 लाख रुपये का चेक निर्गत किया. जोकि गुरुवार को दोनों पक्षकार के अधिवक्ताओं की मौजूदगी में वादिनी को उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह द्वारा सौंप दिया गया.
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बाढ़ में बह गयी थी नर्सरी, बीमा कंपनी ने किया खारिज, उपभोक्ता फोरम ने दिलाया 14 लाख
जिला उपभोक्ता फोरम में वादिनी को मिला 14 लाख का चेक
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