एससी-एसटी उपवर्गीकरण के खिलाफ बहुजनों की आवाज को अनसुना नहीं करे केंद्र सरकार
बहुजनों ने एससी-एसटी उपवर्गीकरण के खिलाफ अन्य मांगों के पक्ष में एकजुट आवाज बुलंद की है. इस आवाज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार अनसुना नहीं करे.
बहुजनों ने एससी-एसटी उपवर्गीकरण के खिलाफ अन्य मांगों के पक्ष में एकजुट आवाज बुलंद की है. इस आवाज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार अनसुना नहीं करे. उक्त बातें वक्ताओं ने बुधवार को सामाजिक न्याय आंदोलन, बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन, बिहार फूले-आंबेडकर युवा संघ, अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद आदि के संयुक्त तत्वावधान में स्टेशन चौक पर आयोजित सभा में आमलोगों को संबोधित करते हुए कही.
बंद समर्थकों ने भागलपुर में भारत बंद को सफल बताया एवं दुकानदारों व आमलोगों का आभार जताया. बंद समर्थक एससी-एसटी उपवर्गीकरण का विरोध करने के साथ ही बिहार के एससी, एसटी और ईबीसी-बीसी के 65 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को नौंवी अनुसूची में डालने, लैटरल इंट्री के जरिए भर्ती पर रोक लगाने, ओबीसी को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने, आरक्षण की तय 50 प्रतिशत की सीमा और ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर के प्रावधान को खत्म करने आदि की मांग कर रहे थे.बंद की अगुआई सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के रामानंद पासवान, बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच के डॉ अमित, अखिलेश्वर पासवान, उदय शंकर चौधरी, वीरेंद्र गौतम, ईं एसएन ठाकुर, अर्जुन शर्मा, सोहिल दास, सत्यनारायण, बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के सोनम, प्रवीण यादव, विष्णु दास, संजीव कुमार पासवान, मुकेश, चंदन ने किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है