सेंट्रल यूनिवर्सिटी निर्माण का डीपीआर बनाने केंद्रीय टीम कहलगांव पहुंची

बहुप्रतीक्षित केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण का डीपीआर बनाने केंद्रीय टीम रविवार को जिला भू अर्जन पदाधिकारी राकेश कुमार और डीपीओ स्थापना देवनारायण पंडित के साथ कहलगांव पहुंची

By Prabhat Khabar News Desk | September 16, 2024 12:33 AM

अंतीचक स्थित प्राचीन विक्रमशिला महाविहार के निकट बहुप्रतीक्षित केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण का डीपीआर बनाने केंद्रीय टीम रविवार को जिला भू अर्जन पदाधिकारी राकेश कुमार और डीपीओ स्थापना देवनारायण पंडित के साथ कहलगांव पहुंची. दो सदस्यीय टीम में दिल्ली के स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के निदेशक प्रो वीरेंद्र कुमार पाल व सहायक प्राध्यापक डाॅ अभिजीत रस्तोगी शामिल थे. केंद्रीय टीम के सदस्यों ने दोपहर करीब एक बजे कहलगांव अनुमंडल पदाधिकारी अश़ोक कुमार मंडल, बीडीओ राजीव रंजन व सीओ सुप्रिया के साथ मलकपुर व अंतीचक मौजा स्थित खेतिहर जमीन का जायजा लिया. दोनों मौजा के ग्रामीणों ने अपनी समस्या को लेकर टीम के सदस्यों के साथ चल रहे थे. निरीक्षण में टीम के सदस्य इन पहाड़ियों के बीच्प्रार प्राकृतिक रमणीक स्थलों को देख काफी प्रसन्न दिखे. ग्रामीणों ने अपनी समस्या को कहलगाव एसडीएम अशोक कुमार मंडल के सामने रखा. नाराज लोगों को समझाते हुए उन्होंने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के बनने से इस इलाके का विकास होगा. स्थानीय लोगो को रोजगार मिलेगा. केंद्रीय टीम के सदस्यों ने विक्रमशिला महाविहार के मुख्य स्तूप, मनौती स्तूप, टेराकोटा, तिब्बती धर्मशाला, प्रवेश द्वार का अवलोकन किया. टीम के सदस्य विक्रमशिला संग्रहालय देखने गये.

ग्रामीणों ने कहा-हमारी खेतिहर जमीन छोड़ दीजिए साहब

केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण के प्रस्तावित स्थल मलकपुर मौजा के ग्रामीण वासुदेव कुशवाहा, गौतम ताती, अशोक कुमार मंडल, नीलम देवी केंद्रीय टीम के गांव पहुंचने पर नाराज दिखी. अपनी समस्या से स्थानीय अफसरों को रूबरू कराते हुए बताया कि 1965 से अब तक हमारी जमीन सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं के लिए अधिग्रहण किया. हमलोगों के पास बहुत कम जमीन बच गयी है. यह जमीन ही हमारे जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन है. अगर यह जमीन हमलोगों के पास से चली जाएगी, तो हम भूखे मर जायेंगे. हमारे परिवार में कोई सरकारी नौकरी में नहीं है. सारे लोग इसी खेती पर निर्भर है. कुछ ग्रामीणों का कहना था कि पूर्व में हमलोगों से पर्यटन विभाग ने करीब 70 बीघा जमीन अधिग्रहण किया था. उक्त जमीन पर पर्यावरण व वन विभाग ने जामुन का पौधा लगाना. ग्रामीणों ने कहा कि विकास का कार्य नहीं हुआ और हमारी खेतिहर भूमि हाथ से चली गयी. केंद्रीय टीम के सदस्यों ने प्रस्तावित स्थल अंतीचक, मलकपुर मौजा का निरीक्षण किया. प्राकृतिक रमणीक छठा के बीच बसे इस स्थल को देखकर सदस्य प्रसन्न दिखे.

-अशोक कुमार मंडल, एसडीएम, कहलगांव.

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