चंद्रयान मिशन से अंतरिक्ष के रहस्यों से उठेगा पर्दा
इसरो के वैज्ञानिकों ने पिछले वर्ष 14 जुलाई को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम को लैंड कराने में सफलता हासिल की और इतिहास रच दिया.
इसरो के वैज्ञानिकों ने पिछले वर्ष 14 जुलाई को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम को लैंड कराने में सफलता हासिल की और इतिहास रच दिया. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया. भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में यह ऐतिहासिक उपलब्धि ऐसे समय मिली है जब उसके कुछ दिन पहले रूस का अंतरिक्ष यान ‘लूना 25’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इतना ही नहीं चंद्रयान-3 की कामयाबी एक बार फिर अंतरिक्ष से जुड़े रहस्यों को खोजने की मुहिम तेज करेगी. खगोलशास्त्रियों को ब्रह्मांड से जुड़े रहस्य को जानने में मदद मिलेगी. उक्त बातें बीए पार्ट थर्ड की छात्रा स्वाति कुमारी ने चंद्रयान तीन मिशन और उसके मायने पर प्रकाश डालते हुए कही. मौका था शुक्रवार को महादेव सिंह कॉलेज, भागलपुर में प्रभात खबर अभिव्यक्ति कार्यक्रम का. अभिव्यक्ति कार्यक्रम में बड़ी संख्या में 12वीं व ग्रेजुएशन के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में भाषण और वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का संचालन हिंदी के शिक्षक डॉ वंशीधर मिश्रा ने किया. प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार सिंह की उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न हुआ. कार्यक्रम में शिक्षक डॉ विभू कुमार राय, डॉ सीएम पांडेय, डॉ सीपी आजाद आदि ने छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया. फिर सनम कुमार ने चंद्रयान तीन मिशन के मायने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अंतिरिक्ष के क्षेत्र में बढ़ते रिसर्च का नतीजा है कि भारत रेडियो टेलीस्कोप निर्माण का केंद्र बन सकता है. इसरो के कई मिशन पाइपलाइन में हैं. इसके साथ ही अंतरिक्ष के अनगिनत अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने की कवायद तेज होने की उम्मीद है.
छात्र-छात्राओं ने स्वच्छता व शिक्षा के महत्व पर डाला प्रकाशविजेताओं की सूची
स्वाति कुमारी : प्रथम रितेश कुमार : द्वितीयतनूजा कुमारी : तृतीय
आदर्श कुमार : सांत्वनाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है