भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में 15 जून को वायवा के दौरान सेमेस्टर टू के छात्रों के बीच हुई मारपीट मामले को महाविद्यालय प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. कॉलेज की आंतरिक कमेटी मामले की जांच कर रही है. जबकि एंटी रैगिंग सेल ने भी मामले पर संज्ञान लेते हुए मारपीट के संदर्भ में जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. मामले में छात्रों के दोनों गुटों द्वारा मामले की प्राथमिकी भागलपुर के औद्योगिक थाने में दर्ज करायी गयी थी. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. कॉलेज के स्तर से घटना का सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को उपलब्ध कराया गया है. जबकि पुलिस ने घटना के संदर्भ में पहले ही दोनों पक्षों के छात्रों का बयान ले चुकी है. इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डाॅ ओमप्रकाश राय उक्त मामले में काफी गंभीर हैं. श्री राय ने कहा कि मामले में जो भी दोषी हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी तो दूसरी तरफ कानूनी पचड़े में कोई निर्दोष और अनुशासन में रहने वाला छात्र नहीं फंसे इसका सदैव ध्यान रखा जाएगा. फिलहाल कॉलेज में छात्र-छात्राओं की छुट्टी चल रही है. सिर्फ फाइनल सेम के स्टूडेंट्स की कक्षाएं चल रही हैं.
क्या था विवाद का कारण
लोकसभा चुनाव के दौरान सेमेस्टर टू के छात्र विचारधारा के अनुसार दो गुटों में बंट गये. एक गुट दक्षिणपंथी राजनीतिक दलों का समर्थन कर रहे थे तो दूसरा गुट वामपंथ और समाजवादी राजनीतिक दलों का समर्थन कर रहा था. दोनों ग्रुप के बीच डिबेट हुई, इसी दौरान एक गुट द्वारा की गयी टिप्पणी दूसरे गुटों को नागवार गुजरी. फिर वायवा के दौरान एक गुट ने दूसरे गुट पर हमला बोल दिया. फिर दोनों गुटों के बीच वायवा के दौरान जम कर मारपीट हुई. घटना के बाद से ही 112 नंबर की पुलिस के वाहन को कॉलेज परिसर में तैनात किया गया है. जबकि कॉलेज की आंतरिक सुरक्षा को भी बढ़ाया गया है.
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