Chhath Puja: सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ का शुभारंभ कद्दू-भात के साथ पांच अप्रैल को हो गया. पंडित सौरभ मिश्रा के मुताबिक, सूर्य षष्ठी छठ व्रत का नहाय खाय या कद्दू-भात पांच अप्रैल को शुरू हो गया, जबकि छह अप्रैल को खरना किया जायेगा. वहीं, सात अप्रैल को सायंकालीन अर्घ्य और आठ अप्रैल को प्रात:कालीन अर्घ्य दान किया जायेगा.
चैती छठ व्रत को लेकर व्रतियों ने तैयारी शुरू कर दी है. मंगलवार को नहाय-खाय के साथ व्रतियां चार दिवसीय चैती छठ का आरंभ किया. गंगा स्नान कर व्रतियां गंगा से जल लेकर घर लाती हैं और उसी से प्रसाद बनाया जाता है. मंगलवार को गंगा स्नान करनेवाले लोगों की भीड़ देखी गयी.
छठ महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को छठ व्रतियां दिन भर उपवास रखेंगी. सूर्यास्त के बाद खरना का प्रसाद बनाया ग्रहण करेंगी. इस दिन भगवान भास्कर की पूजा के बाद खीर, रोटी, केला सहित अन्य प्रसाद का नैवेद्य अर्पित किया जायेगा. इसके बाद गुरुवार से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जायेगा.
चैती छठ में गुरुवार को अस्ताचलगामी और शुक्रवार को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. छठ महापर्व को लेकर प्रशासन ने भी सभी तैयारियां शुरू कर दी हैं. मालूम हो कि छठ महापर्व साल में दो बार मनाया जाता है. चैत्र माह में मनाये जानेवाले छठ पर्व के अलावा कार्तिक मास में भी छठ पर्व की पूजा होती है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चैती छठ को लेकर सूबे के लोगों को शुभकामना और बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि छठ आत्म अनुशासन का पर्व है, जिसमे लोग आत्मिक शुद्धि और निर्मल मन से अस्तलाचलगामी और उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. साथ ही उन्होंने कामना की है कि चैती छठ राज्यवासियों के लिए सुख, समृद्धि और शांति लेकर आये.
चैती छठ और रामनवमी को लेकर पूरा शहर भक्तिमय हो गया है. चारों तरफ छठ के गीत बजने लगे हैं. चैती छठ को लेकर नगर परिषद की ओर से छठ घाटों की साफ-सफाई करायी जा रही है. साथ ही सुरक्षा की सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं.