शनिवार को बरारी पुल घाट व सीढ़ी घाट पर कूड़े-कचरे का अंबार लगा रहा. इसी बीच हजारों छठव्रतियों को गंगा स्नान करना पड़ा. इतना ही नहीं व्रतियों के लिए कोई सुविधा नहीं दी गयी थी और न ही गंगा में दलदल से बचाव के लिए बैरिकेडिंग की गयी थी. नगर निगम की ओर से किये गये सारे दावे फेल हो गये. विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से लगातार सफाई अभियान चलाने और केंद्र सरकार की ओर से नमामि गंगे परियोजना का भी कोई असर नहीं दिखा. चारों तरफ कूड़ा-कचरा बिखरा रहा. घाट की सीढ़ियों पर झाड़ू तक नहीं लगी थी. घाटों पर शौचालय व कपड़ा बदलने के लिए घर की सुविधा नहीं होने पर महिलाओं को जैसे-तैसे अपना कपड़ा बदलना पड़ा. कई लोगों को घाट किनारे शौच करते देखा गया. श्रद्धालुओं ने बताया कि पहले शौचालय व कपड़ा बदलने की सुविधा दी गयी थी, तो यह परेशानी नहीं होती थी. छठ महापर्व को लेकर गंगा स्नान करने के लिए शनिवार को शहर के विभिन्न गंगा तट बूढ़ानाथ, एसएम कॉलेज सीढ़ी घाट, खिरनी घाट, बरारी सीढ़ी घाट, पुल घाट आदि पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. पिछले वर्ष से इस बार गंगा स्नान करने वालों की संख्या अधिक थी.
काली प्रतिमा विसर्जन मेला देखने के लिए पहुंचे थे श्रद्धालु
इन स्थानों के श्रद्धालु पहुंचे
सबौर, गोराडीह, जगदीशपुर, रजौन, बाराहाट, बांका, गोड्डा, दुमका, कटोरिया के अलावा कोसी इलाके के लोग भी लोग गंगा स्नान करने के लिए लोग पहुंचे थे. विभिन्न गंगा तट के समीप दुकानवालों की खूब दुकानदारी हुई.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है