अंचल कार्यालय का फरियादी लगा रहे चक्कर, नहीं बैठते सीओ

नवगछिया अंचल कार्यालय में समय पर पदाधिकारी नहीं मिलते हैं. बुधवार को जब प्रभात खबर की टीम 12 :05 बजे अंचल कार्यालय पहुंची, तो देखा वहां पर करीब दो दर्जन फरियादी घूम रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 27, 2024 2:35 AM

नवगछिया अंचल कार्यालय में समय पर पदाधिकारी नहीं मिलते हैं. बुधवार को जब प्रभात खबर की टीम 12 :05 बजे अंचल कार्यालय पहुंची, तो देखा वहां पर करीब दो दर्जन फरियादी घूम रहे हैं. सभी दो घंटे से नवगछिया सीओ का इंतजार कर रहे थे. यह कोई पहला दिन नहीं है, जो फरियादी सीओ को खोज रहे हैं. 21 जून गुरुवार को अंचल कार्यालय आये, मगर मुलाकात नहीं हो पायी. कार्यालय के कर्मचारी व अधिकारी समय पर कार्यालय नहीं आते हैं. सीओ से मिलने वालों में रामनगर बिन्दटोली के महेश महतो, महद्दतपुर के विनोद शर्मा, प्रमोद शर्मा, जगतपुर के गोपाल दास, खगड़ा के सरोज कुमार झा, लक्ष्मीपुर पकड़ा के अरुण मंडल, पिलो मंडल, कमलकिशोर मंडल शामिल है. सीओ कार्यालय आये ही नहीं, इस कारण कड़ी धूप में पहुंचे लोगों में अधिकारी के प्रति रोष है. लोगों ने कहा कि यहां पर कर्मचारी व हल्का कर्मचारी की गठजोड़ से दलालों से काम होता है. निर्धारित तिथि पर बुलाते हैं, अगर नहीं आते हैं, तो आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है. अगर आ जाते हैं, तो समय पर कार्य नहीं करते और अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं. कांग्रेस नेता संजीव कुमार उर्फ झाबो ने बताया कि उन्होंने कई बार सीओ से मिलने का प्रयास किया है, लेकिन अधिकारी के पास कार्यालय में समय देने का समय ही नहीं है. महदतपुर के ग्रामीण मो इम्तियाज ने बताया कि अंचल कार्यालय के चक्कर लगाने से उनकी नौकरी तक चली गयी है. एक ही जमीन के दो म्यूटेशन के आवेदन दिये थे. एक म्यूटेशन अधिकारी ने कर दिया और दूसरे म्यूटेशन इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि वह दलाल के संपर्क में नहीं हैं. प्रतिदिन कार्यालय के चक्कर काटते रहते हैं. गोसाई गांव के कन्हैया कुमार पिछले एक सप्ताह से जमीन मापी के लिए अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. ऑनलाइन ओटीपी लेने के लिए अमीन से लेकर अंचल कार्यालय तक के चक्कर काटते हैं, लेकिन सीओ और अमीन से भेंट नहीं हो पाती, जिससे मापी के लिए एनआर नहीं कट पाता है. यही स्थिति कई अन्य लोगों की है, जो अपने जमीन के परिमार्जन या अन्य काम के लिए कार्यालय के चक्कर काटते रहते है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती. सीओ को फोन किया गया, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.

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