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चंपापुल पर सजावटी लाइट्स लगाने की तैयारी, अंधेरे में डूबी गलियाें के लिए दे रहा नियमों का हवाला

नगर निगम का भी जवाब नहीं. एक तरफ नियम का हवाला देकर वार्डों में नया लाइट लगाने का परमिशन नहीं दे रहा है.

नगर निगम का दोहरा मापदंड-आठ महीने पहले हुआ था सर्वे, नयी लाइट्स लगाने की हो रही थी पहल, यूडीएचडी ने लगा दी है रोक

ब्रजेश, भागलपुर

नगर निगम का भी जवाब नहीं. एक तरफ नियम का हवाला देकर वार्डों में नया लाइट लगाने का परमिशन नहीं दे रहा है. वहीं, दूसरी ओर चंपा पुल पर सजावटी लाइट लगाने की तैयारी में है. यहां सजावटी लाइट्स लगाने के पीछे उनका तर्क कि चंपा पुल शहर का प्रवेश द्वार है. शहर की छवि निखरेगी. जबकि, इससे ज्यादा जरूरी वार्डों में नये लाइट्स लगाने की है. इसके बिना 80 मेगावाट बिजली मिल कर भी शहर की गलियां अंधेरे में डूबी हैं. शाम के बाद महिलाएं व बच्चे पड़ोस की दुकान जाने से हिचकते हैं. क्योंकि, वार्डों और इसके मुहल्ले के विस्तारीकरण से कई नये पोल लगे हैं, लेकिन उसमें लाइट्स नहीं लगी है. स्ट्रीट लाइट्स के जिम्मेदारी नगर सरकार की है.

उठ रहे सवाल : नयी लाइट्स लगाने पर रोक लगी है तो चंपा पुल पर कैसे लगेगा ?

चंपा पुल पर सजावटी लाइट्स (तिरंगा लाइट्स) लगाने की चल रही तैयारी पर सवाल उठने लगा है. लोगों का कहना है कि नयी लाइट्स के अधिष्ठापन और क्रय पर रोक लगी है, तो चंपा पुल के लिए लाइट्स का क्रय और इस्टॉलेशन कैसे हो सकता है. यह सवाल पार्षदों ने भी बोर्ड की बैठक में उठायी थी. जिसका सटीक जवाब नहीं मिला था. सिर्फ सरकार से मार्गदर्शन के लिए पत्र लिखने की बात कही गयी थी. लोगों का अब कहना है कि अगर चंपा पुल पर लाइट्स लगाने को लेकर नियम-शर्त नहीं देखी जा रही है, तो जरूरत वाले स्थलों पर भी नियमों को दरकिनार किया जाये.

चंपा पुल पर सजावटी लाइट्स लगाने के लिए आरसीडी से एनओसी लेने की तैयारी

नगर निगम चंपा पुल पर तिरंगा लाइट्स लगाने के लिए आरसीडी से एनओसी लेने की तैयारी कर रही है. संचिका तैयार है. सिर्फ एनओसी के लिए पत्र भेजना बाकी है. एनओसी मिलते ही क्रय और अधिष्ठापन के लिए आमंत्रण सूचना जारी करेगी. इसके बाद चंपा पुल पर तिरंगा लाइट्स लगना शुरू हो जायेगा.

सिटी में नये 8476 पोल पर स्ट्रीट लाइट्स नहीं रहने से इलाका अंधेरे में

सिटी में 8476 ऐसे नये बिजली पोल है, जहां स्ट्रीट लाइट्स लगाने की आवश्यकता है. लाइट्स के बिना कई इलाका अंधेरे में डूबा रहता है. नगर निगम की रोशनी शाखा ने आठ माह पूर्व सर्वे किया था. इसमें उन्हें मिला था कि बिना स्ट्रीट लाइट्स के 8476 बिजली पोल है. इस आधार पर 10 हजार नयी स्ट्रीट लाइट्स का रिक्वायरमेंट बताया गया था और इस्टॉलेशन की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. कागजी प्रक्रिया पूरी कर जैम पोर्टल के माध्यम से इसका टेंडर निकालने की वाला था कि यूडीएचडी से नयी लाइट्स की खरीद पर रोक लग गयी है और यह अबतक लंबित है. नयी लाइट्स की खरीद पर खर्च 04 करोड़ रुपये होता.

स्ट्रीट लाइट्स एक नजर में

एजेंसी के माध्यम से लगा है : 10103

नगर निगम का लगा है : 2650

बिना लाइट्स का पोल : 8476

नयी स्ट्रीट लाइट्स का रिक्वायरमेंट : 10,000

चार माह पूर्व कराया मरम्मत : 4,000

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कोट

नयी लाइट्स लगाने पर रोक लगी है. इस वजह से लाइट्स नहीं लग सकी है. लेकिन, विभाग से मागर्दशन मांगा गया है कि नये बिजली पोल पर स्ट्रीट लाइट्स नहीं लगने से वहां अंधेरा है. लाइट्स लगाने का परिमशन अगर नहीं मिलता है, तो वहां उजाला कैसे होगा. चंपा पुल पर तिरंगा लाइट्स लगाने के लिए पथ निर्माण विभाग से एनओसी लेना होगा. इसके लिए संचिका तैयार है. सिर्फ एनओसी के लिए पत्र निर्गत होना बाकी है. एनओसी मिलने के बाद निविदा जारी कर लाइट्स लगायी जायेगी.

जय प्रकाश यादव, रोशनी शाखा

नगर निगम, भागलपुर

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