शाहकुंड के सीओ, एमओ व पंस सदस्यों में नोकझोंक, हंगामा
अंचल कार्यालय के सीओ और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी की मनमानी से नाराज पंस सदस्यों ने हंगामा किया
अंचल कार्यालय के सीओ और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी की मनमानी से नाराज पंस सदस्यों ने हंगामा किया. पंस सदस्य ने पदाधिकारियों द्वारा उन्हें तवज्जो और सम्मान नहीं देने से आमने-सामने हो गये. हंगामा और विवाद की शुरुआत एमओ कार्यालय से शुरू हुई. कसवा खेरही के एक युवक मो राजा सहित अन्य राशनकार्ड के लिए एमओ के पास गये थे. एमओ ने उन्हें कार्यालय से बाहर जाने की बात कही है. आवेदनकर्ता ने इसकी सूचना पंचायत की पंस चंदा कुमारी को दी. पंस इस शिकायत पर एमओ से जानकारी लेने पहुंची, तो वह पंस के देखते ही भड़क गयी. पंस ने कहा कि एमओ ने कार्यालय से बाहर जाने और अभद्र भाषा का प्रयोग किया. एमओ की इस हरकत से पंस भड़क गयी और एमओ से सवाल किया कि आपूर्ति कार्यालय से राशनकार्ड क्यों नहीं बनता है, जबकि कैफे में दो हजार रुपये देने पर बिचोलिया राशनकार्ड उपलब्ध करा देते हैं. पंस ने एमओ पर नियमित कार्यालय नहीं आने राशनकार्ड में रिश्वत वसूलने का आरोप लगाया. पंस और एमओ के बीच नोकझोंक की सूचना पर बीडीओ राजीव रंजन सिंह ने कार्यालय में बुला कर मामले को शांत कराया. एमओ की इस हरकत से दर्जनों पंस सदस्य गोलबंद हो गये और बीडीओ के सामने आरोपों की झड़ी लगा दिये.
सीओ और पंस सदस्यों में नोकझोंक. प्रखंड कार्यालय में एक पदाधिकारी और पंस के बीच मामला थमा नहीं था कि मकंदपुर पंचायत की पंस ममता शर्मा और सीओ में परिमार्जन प्लस में रिश्वत वसूलने के आरोप से मामला एक बार फिर गरमा गया. हरपुर गांव के एक रैयत ने परिमार्जन प्लस के लिए आवेदन दिया है. रैयत ने आरोप लगाया कि अंचल कार्यालय के कर्मी किशोर भारती ने परिमार्जन में पैसे की मांग की है. रैयत के इस आरोप की शिकायत पंस ने सीओ से की, तो वह आगबबूला हो गयी और पंस को कार्यालय से बाहर जाने की हिदायत दे डाली. पंस ने बताया कि सीओ की ओर से अभद्र भाषा का उपयोग किया गया. सीओ के इस शब्द से दर्जनों पंस गोलबंद हो गये और अंचल कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार व दलालों का अड्डा होने का आरोप लगा हंगामा करने लगे. इस विवाद से प्रखंड मुख्यालय में अफरा-तफरी का माहौल रहा. नाराज पंस सदस्यों ने सीओ और एमओ की इस मनमानी पर नारेबाजी की. पंस सदस्य डीएम और विभागीय मंत्री से शिकायत करने की बात कही. शाहकुंड में जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी आमने-सामने हो गये हैं. जिले के वरीय पदाधिकारी ने ध्यान नहीं दिया, तो मामला तूल पकड़ सकता है.कहती हैं सीओ
हर्षा कोमल ने बताया कि परिमार्जन के आवेदन को कर्मचारी के पास भेज दिया गया है. रिश्वत का आरोप अनुचित है. मै परेशान हूं.कहती हैं एमओ
नीलम कुमारी ने बताया कि पंस चंदा कुमारी ने अभद्र भाषा का उपयोग किया. पंस ने धमकी दी है. कार्य करने में परेशानी महसूस कर रही हूं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है