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गुवारीडीह में पौराणिक वस्तुओं को देखकर रुक नहीं पाये सीएम नीतीश, चल पड़े खेतों की ओर, जानें क्या कहा…

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भागलपुर में विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार आगमन हुआ था. वे हेलीकॉप्टर से 12.45 बजे गुवारीडीह पहुंचे और 2.18 बजे रवाना हो गये. गुवारीडीह के ऐतिहासिक टिले को देखने की उनकी उत्सुकता खास दिखी. उत्सुकता इस कदर थी कि दो कार्यक्रमों को टाल दिया. गुवारीडीह में उनके आने पर पहले उनका गाड ऑफ ऑनर का इंतजाम किया गया था. लेकिन उन्होंने हेलीपैड के समीप बनाये गये गार्ड ऑफ ऑनर स्थल की तरफ जाने के बजाय पौराणिक वस्तुओं की प्रदर्शनी के लिए बनाये गये स्थल की चल पड़े.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भागलपुर में विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार आगमन हुआ था. वे हेलीकॉप्टर से 12.45 बजे गुवारीडीह पहुंचे और 2.18 बजे रवाना हो गये. गुवारीडीह के ऐतिहासिक टिले को देखने की उनकी उत्सुकता खास दिखी. उत्सुकता इस कदर थी कि दो कार्यक्रमों को टाल दिया. गुवारीडीह में उनके आने पर पहले उनका गाड ऑफ ऑनर का इंतजाम किया गया था. लेकिन उन्होंने हेलीपैड के समीप बनाये गये गार्ड ऑफ ऑनर स्थल की तरफ जाने के बजाय पौराणिक वस्तुओं की प्रदर्शनी के लिए बनाये गये स्थल की चल पड़े.

खेतों की तरफ चल पड़े सीएम

टिले के बारे पूरी तरह जान सकें, इसमें समय देने के कारण, उनका पौद्यरोपण का कार्यक्रम भी नहीं किया जा सका. आखिर में जब पत्रकारों से बात करने के लिए रुके, तो सिर्फ टिला, इसके विकास और इसकी महत्ता पर ही बात की. पत्रकारों द्वारा पूछे गये अन्य सवालों पर स्पष्ट कहा कि यह दौरा गुवारीडीह टिला को लेकर है. इस कारण इस बार सिर्फ टिले पर सवाल, बाकी सवाल अगली बार. पौराणिक वस्तुओं को देखने के बाद वे खुद को रोक नहीं पाये. पहले तो पूर्व निर्धारित टिले के नीचे कोसी से सटे बनाये गये संकरे रास्ते से होकर टिले को देखा. वहां से लौटने के बाद वे संतुष्ट नहीं हुए और खेतों की तरफ चल पड़े. हर एंगल से टिले और इसके आसपास का मुआयना किया.

क्या बोले सीएम

बाढ़ में जो यहां कटाव हो गया और फिर लोगों ने जो बताया. उस पर हमने एक्सपर्ट की टीम को कहा कि जाकर वहां देखिए. फिर यहां के लोगों से बात की. यहां के विधायक इं शैलेंद्र ने भी हमें जानकारी दी. भागलपुर विवि के लोगों से बात की. सबसे बात करने के बाद यहां की एक छोटी रिपोर्ट देखी है. इसे देख कर लगा कि यह बहुत ही ऐतिहासिक स्थल है. इसका पूरा प्रमाण दिख रहा है. हमारे मंत्री विजय कुमार चौधरी इसके एक्सपर्ट हैं. इन सारी सूचनाओं के बाद हमने तय किया कि खुद जाकर देखें. इस स्थल को चारों तरफ देखने के बाद मुझे जो लगा है कि यह ऐतिहासिक स्थल है. यह कहना कि यह 2500 वर्ष पुराना है, तो मुझे लगता है कि उससे भी यह पुराना है. इसके बारे में सबको जानकारी होनी चाहिए. .

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कोसी नदी की धार को डायवर्ट किया जाएगा

उन्होंने कहा कि एरिगेशन विभाग के इंजीनियर भी आ गये हैं. कोसी नदी की धार को डायवर्ट करेंगे. इससे पांच-छह गांव भी कोसी से सुरक्षित हो जायेगा. इसके बाद एक्सपर्ट की टीम हल्की खुदाई कर देखेंगे कि कहां-कहां पौराणिक चीजें मिल रही हैं. इससे पता चलेगा कि इसका क्षेत्र कहां तक फैला है. जब यह काम पूरा हो जायेगा, तो फिर इस इलाके को विकसित किया जायेगा. जरूरत पड़ेगी तो जमीन अर्जित करेंगे. मुझे तो लग रहा है कि दूसरी जगहों पर भी जरूर कुछ चीजें मिलेगी. इलाका तय हो जाने के बाद इसे विकसित किया जायेगा. यह जरूर कोई बड़ी जगह है. यहां लोग रहे हैं. इस इलाके के बारे में कोई नहीं जान रहे थे. इसे ऐतिहासिक स्थल के रूप में इसे विकसित करेंगे

Posted By: Thakur Shaktilochan

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