कॉलेज के सचिव पर वित्तीय अनियमितता का आरोप

दीप नारायण सिंह कॉलेज भुसिया में विश्वविद्यालय प्रतिनिधि सह शासी निकाय के सचिव डॉ अवधेश रजक पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 2, 2025 10:49 PM

दीप नारायण सिंह कॉलेज भुसिया में विश्वविद्यालय प्रतिनिधि सह शासी निकाय के सचिव सचिव डॉ अवधेश रजक पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा है. इस संबंध में कॉलेज के प्राचार्य डॉ महेंद्र प्रसाद सिंह ने लिखित शिकायत रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे से की. आवेदन में आरोप लगाया है कि कॉलेज के शासी निकाय के सचिव पद पर मौखिक रूप से कार्यरत हैं. सचिव पद को लेकर लेटर जारी नहीं किया गया है. उधर, रजिस्ट्रार प्रो पूर्वे ने कहा कि कॉलेज इंस्पेक्टर डॉ संजय कुमार झा को मामले की जांच की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. रिपोर्ट आने के बाद कुलपति को सौंपी जाएगी. पूरे मामले में कुलपति को पूर्व में ही जानकारी दी गयी है. सचिव ने नहीं किया हस्ताक्षर, चेक हुआ बाउंस – प्राचार्य प्राचार्य ने कहा कि कॉलेज से सेवानिवृत्त हुए कर्मियों का एक साथ 26 चेक बनाकर सचिव के समक्ष बढ़ाया गया था, लेकिन सचिव डॉ अवधेश रजक ने पांच चेक पर अबतक हस्ताक्षर नहीं किया. कॉलेज के कार्यालय में अबतक चेक रखा हुआ है. समय पर हस्ताक्षर नहीं होने से चेक बाउंस कर गया है. आरोप लगाया कि कर्मियों का आर्थिक शोषण कर ही चेक पर हस्ताक्षर किया जाता है. प्राचार्य को पद मुक्त करने की धमकी दी जाती है. कहा कि चार दिसंबर 2024 को कॉलेज में शासी निकाय की बैठक हुई थी. कार्य सूची के मुद्दों को छोड़कर बेवजह वरीयता के मुद्दे पर बैठक कर समय बर्बाद किया गया. जबकि शासी निकाय के सदस्यों द्वारा इसका विरोध किया गया था. सरकारी मानक को पूरा करते हुए वरीयता के आधार पर कॉलेज के प्राचार्य पद पर सेवा दे रहे हैं. प्राचार्य ने रजिस्ट्रार को दिये आवेदन में कॉलेज में विवि के प्रतिनिधि को हटाते हुए किसी अन्य साफ छवि वाले विवि प्रतिनिधि की प्रतिनियुक्ति की मांग की गयी है. लगाये गये सभी आरोप निराधार व बेबुनियाद – सचिव कॉलेज में विवि के प्रतिनिधि सह शासी निकाय के सचिव डॉ अवधेश रजक ने आरोप को निराधार व बेबुनियाद बताया है. कहा कि सचिव पद पर नहीं है, तो कॉलेज के प्राचार्य अपने पत्र में बार-बार सचिव कैसे लिख रहे हैं. कॉलेज से संबंधित जितने पत्र उनके पास आये हैं. सभी में प्राचार्य ने सचिव पद को ही अंकित किया है. सारा चेक उनके द्वारा ही बनाकर हस्ताक्षर के लिए दिया जाता है. ऐसे में गड़बड़ी की बात कहां से आ रही है. बताया कि वरीयता के क्रम में वर्तमान प्राचार्य कॉलेज के दो शिक्षक से पीछे है. शासी निकाय की बैठक में प्राचार्य से वरीयता को लेकर दस्तावेज मांगा गया, बैठक में उपलब्ध नहीं कराया गया.

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