सिल्क सिटी भागलपुर के खेतों में रंग-बिरंगे फूल लहलहाने लगे हैं. फूल विशेषज्ञ भागलपुर को कोलकाता, बेंगलुरु, देवघर आदि क्षेत्र का विकल्प के रूप में देख रहे हैं. इतना ही नहीं उद्यान विभाग की फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिए बढ़ावा दे रहा है. इसी का नतीजा है कि अब शहर के फुटपाथ हो या अन्य स्थानों पर बनायी गयी नर्सरी में फल के पौधों के साथ फूल के पौधे ने अपनी जगह बना ली है. खासकर ठंड का मौसम आने पर लोगों को फूल खास आकर्षित कर रहा है.
जिले के इन स्थानों में हो रही है फूल की खेती
फूल की खेती को बढ़ावा देने वाले बाबूल विवेक खुद शहर के समीप भैरोपुर में दो बीघा में अपराजिता, बेली, अड़हूल व गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं. पौधे को कोलकाता से मंगाया गया है. इसके लिए भागलपुर शहर अच्छा बाजार है. अधिकतर फूल मंदिरों में पूजा करने के लिए इस्तेमाल होता है. कीमत भी अच्छी मिल रही है.
भागलपुरवासी 150 हेक्टेयर में कर सकते हैं गेंदा समेत अन्य फूल की खेतीउद्यान विभाग के सहायक निदेशक अभय कुमार मंडल ने बताया कि गेंदा फूल की खेती करने की राज्य योजना के तहत जिले में एक हेक्टेयर में खेती को बढ़ावा देना है. इसके लिए तीन लाख रुपये खर्च करने की स्वीकृति मिली है. योजना के तहत फूल का उत्पादन और इससे संबंधित उत्पाद में वृद्धि करते हुए किसानों की आजीविका सुदृढ़ कर उनकी आय में वृद्धि करना है. प्रति हेक्टेयर 40 हजार का अनुदान मिलेगा. केंद्र सरकार की स्कीम के तहत योजना चल रही है. उन्होंने बताया कि भागलपुर में सेंट्रल स्कीम के तहत 150 हेक्टेयर में फूल विकास योजना जारी है. इसके तहत किसानों को 70 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. अब तक 50 आवेदन आया है. फूल की खेती में लागत मूल्य 40 हजार रुपये हैं, जिसमें 28 हजार रुपये अनुदान मिलेगा. इसमें लाल व पीला गेंदा के साथ अन्य फूल की भी खेती कर सकते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है