दंडवत प्रणाम करते हुए आते हैं माता के दरबार
नवरात्रि का पर्व देवी उपासना का पर्व है. ये मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित होता है
नवरात्रि का पर्व देवी उपासना का पर्व है. ये मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित होता है. इस समय में माता रानी धरती लोक पर अपने भक्तों के बीच में आती हैं और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उनको आशीर्वाद देती हैं. नवरात्र के अवसर पर लोग उपवास या तरह-तरह की भक्ति कर मां दुर्गा के प्रति आस्था और श्रद्धा जताते हैं. नवगछिया में भी एक ऐसा ही भक्त है जो पिछले 10 वर्षों से शारदीय नवरात्रि में कठिन तरीका अपनाकर मां दुर्गा की उपासना करता है. नवगछिया निवासी कुमार मिलन सागर पिछले 10 वर्षों से शारदीय नवरात्र के पूरे नौ दिनों तक दंडवत प्रणाम करते हुए पांच किलोमीटर की दूरी तय कर मां दुर्गा के मंदिर पहुंचते हैं. कुमार मिलन सागर बताते हैं की यह 2011 से लेकर 2013 तक सीने पर कलश ले चुके हैं. हमलोगों की अभिलाषा अपेक्षा कुछ नहीं है बस हमारे नवगछिया और शहर के लोगों का कल्याण हो इसलिए वे मां तेतरी वाली के दरबार में दंडवत मां की पूजा करने के लिए आते हैं. हमलोग कलबलिया धार से आते हैं, जहां मैय्या का विसर्जन होता है. 2014 में मैने इसकी शुरुआत की है और तब से लगातार माता के दरबार में हाजरी लगाते आ रहे हैं. तेतरी वाली माता का महिमा हजारों वर्ष पुराना है. आप उनके शरण में हैं तो आपको कोई दिक्कत कोई परेशानी नहीं होगी. मां से मांगने की क्या जरूरत है बेटा बन कर के माता के शरण में आए हैं.
सीने पर कलश रख कर करती है माता की आराधना
नौ दिनों तक सीने पर कलश व अखंड दीप लेकर निर्जला रह मां दुर्गा की आराधना में लीन रहती है. गोपालपुर प्रखंड के बड़ी मंकदपुर की शांति देवी (50) लगातार पांच वर्षों से चैत्र व शारदीय नवरात्र में अपने सीने पर कलश व अखंड दीपक रख देवी दुर्गा की आराधना में लीन रहती है.
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