अब भी अधिकतर ई-टॉयलेट में लटका है ताला, कबाड़ में तब्दील
लोगों ने बयां की परेशानी
सरकारी बस स्टैंड आये मो जहांगीर अंसारी ने कहा कि अधिकतर लोग अब भी दीवार के किनारे जाकर मूत्र विसर्जन करते हैं. सुबह सैंडिस कंपाउंड टहलने आये डॉ पीएन सिंह ने बताया कि उन्हें बहुमूत्रता की बीमारी है. बार-बार पेशाब लगता है. जब टहलने जाते हैं, तो यहां सार्वजनिक स्थान पर जाने में परेशानी होती है. सैंडिस में बने ई-टॉयलेट में भी ताला बंद है. बायो टॉयलेट बंद ही पड़ा रहा. लाजपत पार्क समीप रोमी कुमारी ने बताया कि ई टॉयलेट के बारे में ना ही पूछे तो अच्छा होगा. कभी खुला देखा ही नहीं है. कई बार महिलाएं यहां पर परेशान हो जाती है.
कोट:-स्वास्थ्य शाखा प्रभारी विकास हरि ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर पुराने टॉयलेट, नये बंद पड़े टॉयलेट को संवारने की तैयारी है. स्मार्ट सिटी योजना के तहत तैयार ई-टॉयलेट को खोलने का काम शुरू हो गया है. पहले यह पेयेवल था, जबकि अब इसे नि:शुल्क रखा जायेगा. इसका दरबाजा भी खोल दिया जायेगा, ताकि किसी को खोलने और लगाने में दिक्कत नहीं हो. प्रतिदिन यहां पानी व सफाई की व्यवस्था की जा रही है. इससे स्वच्छता की रेटिंग बेहतर होगा और भागलपुर स्मार्ट सिटी को आगे बढ़ाया जा सकेगा.
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