हवाई अड्डा व टीएनबी कॉलेजिएट में बाढ़ पीड़ितों के लिए कम्युनिटी किचन बंद
हवाई अड्डा व टीएनबी कॉलेजिएट स्कूल बाढ़ राहत शिविर में कम्युनिटी किचन को बंद कर दिया गया. टीएनबी कॉलेजिएट शिविर में दिन का खाना देकर किचन बंद करने की घोषणा की गयी,
हवाई अड्डा व टीएनबी कॉलेजिएट स्कूल बाढ़ राहत शिविर में कम्युनिटी किचन को बंद कर दिया गया. टीएनबी कॉलेजिएट शिविर में दिन का खाना देकर किचन बंद करने की घोषणा की गयी, जबकि हवाई अड्डा में दिन का खाना भी नहीं मिला. दोनों ही जगहों पर जिला प्रशासन की ओर से कम्युनिटी किचन चलाया जा रहा था. किचन बंद करने से बाढ़ पीड़ितों में रोष है. कॉलेजिएट में रह रहे पीड़ितों ने विरोध में सोमवार को सड़क जाम करने की घोषणा की है.
हवाई अड्डा में शरण लिये हुए बाढ़ पीड़ितों ने कहा है कि अभी पानी पूरी तरह से हटा नहीं है. वे अपने गांव लौटने की स्थिति में नहीं है. इधर, सूचना मिल रही है कि फिर से पानी बढ़ सकता है. बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि ऐसी स्थिति में उनलोगों का जीना दूभर हो जायेगा.हवाई अड्डा शिविर में रविवार को टेंट वाले पंडाल समेटने में जुट गये थे. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी व डॉक्टर भी जाने की तैयारी कर रहे थे. पशुपालन विभाग के कर्मचारी भी चिंतित थे कि कहां और कैसे बैठेंगे. अपने विभाग के आलाधिकारी से निर्देश ले रहे थे.
बाढ़ पीड़ितों को सबसे अधिक डर रात्रि में अंधेरा छाने और पेयजल की कमी का था. अजमेरीपुर के मोहन मंडल ने कहा कि पहले जैसे-तैसे भोजन की व्यवस्था की गयी और अब तो बंद करा दिया गया. चारा तो किसी दिन नहीं बांटा गया. इससे पहले बांटा गया था. किसी को तंबू के लिए पॉलीथिन बांटी गयी, तो किसी को कुछ नहीं. बाढ़ पीड़ित गोपाल कुमार ने बताया कि जब तक गांव में पानी सूख नहीं जाता है, वहां जाना खतरे से खाली नहीं है. सांप, डेंगू व मलेरिया का भय सता रहा है.इधर टीएनबी कॉलेजिएट में बाढ़ पीड़ित विष्णु निषाद ने कहा कि यदि भोजन व्यवस्था चालू नहीं की गयी, तो सोमवार को सड़क जाम करेंगे. यहां अब भी कूड़ा व गोबर उठाव नहीं किया गया. इसी बीच 200 से अधिक परिवार रहने को विवश हैं.
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