प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किनी सोमवार को स्मार्ट सिटी योजना के बारे में प्रेस वार्ता में कहा था कि योजना के काम को कुछ स्थानीय राजनेता बाधित कर रहे हैं. इस बयान से नाराज विधायक अजीत शर्मा ने अपने आवास पर मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि कमिश्नर गलत बयानबाजी कर रही हैं. वे ऐसी बयानबाजी नहीं करें. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिख कर स्मार्ट सिटी योजना की जांच कराने को कहा है और प्रमंडलीय आयुक्त पर कार्रवाई करने को कहा है. विधायक ने कहा कि प्रमंडलीय आयुक्त के प्रेस वार्ता की वीडियो को भी भेजा है. उन्होंने योजना की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो अथवा किसी सक्षम और निष्पक्ष तकनीकी एजेंसी से कराने की कृपा की जाये.
उन्होंने कहा कि प्रमंडलीय आयुक्त ने उनका नाम नहीं लिया, लेकिन राजनेता कहा. उन्होंने कहा कि एजेंसी को प्रमंडलीय आयुक्त मदद कर रही हैं और जांच से घबरा रही हैं. विधायक ने कहा कि प्रमंडलीय आयुक्त कहती हैं कि इंजीनियरिंग काॅलेज के प्राचार्य पर कार्रवाई हो. उन्हें यह भी पता नहीं कि पीडीएमसी भागलपुर, स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 14 दिसंबर 2020 को कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के हेड ऑफ डिपॉटमेंट सिविल को पत्र लिखा था. क्षेत्र के सांसद और विधायक को अधिकार है कि उनके क्षेत्र में चल रहे विकास के कार्य को देखे और काम गलत हो रहा है, तो उसकी जांच कराये.
उन्होंने कहा कि वो कहती हैं राजेनता अपने विकास और वैभव के लिए ये सब कर रहे हैं, उन्हें ये मालूम होना चाहिए मैं एक ऐसा विधायक हूं कि आजतक किसी से एक पैसा तक नहीं लिया. उन्होंने कहा कि पदाधिकारी का काम है कि काम को गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराये और उस काम की निगरानी करे. उन्होंने कहा कि पत्र के जवाब के लिए सात दिन का इंतजार करेंगे. नगर विकास एवं आवास विभाग को भी पत्र लिखा जायेगा. इस मामले में विधानसभा में जोरदार तरीके से उठाया जायेगा. इसके लिए जनता के साथ मिलकर सड़क पर आंदोलन किया जायेगा. यह जनता की कमाई का पैसा है और जनता को अपने शहर के विकास कार्य को जानने का हक है.
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सीएम को लिखे पत्र में विधायक सह कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा है कि आपके द्वारा सभी विधायकों को बार-बार सदन के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि वे लोग क्षेत्रीय स्तर पर हो रही कमियों को उजागर करें और उनकी गुणवत्तापूर्ण काम कराकर बिहार की जनता की गाढ़ी कमाई के जो पैसे खर्च हो रहे हैं, उसे उसकी एक-एक पाई का लाभ दिलाये. पत्र में विधायक ने कहा है कि मैंने भागलपुर शहर के सैंडिस कंपाउंड में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हो रहे काम की गुणवत्ता के बारे में नगर आयुक्त को अनुरोध किया कि इसकी जांच कर लें. नगर आयुक्त और वे काम को देखने सैंडिस कंपाउंड गये थे. देखने के बाद गुणवत्ता का स्तर निम्न कोटि का प्रतीत हो रहा था, जिसके कारण नगर आयुक्त से उन्होंने कहा कि इसकी विस्तृत जांच करा लें, जिस पर उन्होंने आगे जांच की प्रक्रिया की. पत्र में विधायक ने कहा कि जांच का क्रम आगे बढ़ता कि उसके पहले इस जांच को बाधित करने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त इस मामले में कूद पड़ी और प्रेस वार्ता करके उन्होंने राजनेताओं को लांछित करते हुए कार्य एजेंसी की मनमाना काम करने की छूट दे दी है. उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं प्रमंडलीय आयुक्त की मंशा है कि उनकी स्मार्ट सिटी परियोजना के कामों को जन प्रतिनिधि देखें और न ही आम नागरिक जो कि उनके वीडियो वक्तव्य से स्पष्ट है.
विधायक अजीत शर्मा ने सीएम को पत्र लिख कर कहा है कि नगर निकाय कर्मियों के लिए स्थानांतरण कानून नहीं रहने के कारण नगर निकाय में नियुक्त होने वाले कर्मी आजीवन एक ही जगह पर रहते हैं. उन्हाेंने सीएम से आग्र्रह किया कि आप समीक्षा कर नगर निकायों के कर्मियों का आपस में स्थानांतरण का कानून बनाने की कृपा की जाये ताकि नगर निकायों की संस्कृति बहता पानी जैसी हो.
Posted By: Thakur Shaktilochan