सर्दियों में सिल्क सिटी में रोजाना पांच क्विंटल घी व तीन क्विंटल शहद की खपत
इस साल पहली बार सोमवार को लोगों को ठंड का अहसास हुआ. वैसे ठंड का मौसम तो एक माह से शुरू है, लेकिन कंपकंपाती ठंड का एहसास पहली बार हुई.
इस साल पहली बार सोमवार को लोगों को ठंड का अहसास हुआ. वैसे ठंड का मौसम तो एक माह से शुरू है, लेकिन कंपकंपाती ठंड का एहसास पहली बार हुई. वहीं ठंड बढ़ते ही सिल्क सिटी भागलपुर में घी, शहद की बिक्री बढ़ गयी है. बताया जा रहा है कि रोजाना करीब पांच क्विंटल घी और शहद करीब तीन क्विंटल तक की बिक्री हो रही है. संबंधित कारोबारियों की मानें तो यह सामान्य दिनों से पांच गुणा तक बढ़ा है.
बाजार के चौक-चौराहे पर चाय दुकानों में ग्राहकों की अचानक भीड़ बढ़ गयी. घेवर तैयार किया जाने लगा. चाय दुकानदार रामप्रीत कुमार ने बताया कि पहले उनके यहां प्रतिदिन 2000 रुपये की चाय बिकती थी और अब पांच हजार से अधिक की बिक्री हो रही है. मिठाई दुकानदार परमानंद ने बताया कि अभी घेवर तैयार करना शुरू किया है. 40 से लेकर 150 रुपये पीस तक बिक रहे हैं.
सुधा डेयरी के विपणन पदाधिकारी केके झा ने बताया कि सामान्य दिनों में 50 किलो तक घी की बिक्री शहर में होती थी. अभी 250 किलो तक हो रही है. वहीं लोकल घी भी दो क्विंटल से अधिक तक बिक रहा है. अभी इसकी कीमत 630 रुपये प्रति 1000 एमएल है. एक लोकल दुकानदार ने बताया कि उनके यहां 580 रुपये किलो सामान्य घी और गाय का घी 650 रुपये किलो बिक रहा है. शहद के थोक कारोबारी संजय चौधरी ने बताया कि पूरे भागलपुर में ठंड बढ़ने पर दो से तीन क्विंटल तक रोजाना बिक रहा है. सामान्य दिनों में 50 किलो की बिक्री मुश्किल है. अभी शहर 300 रुपये किलो थोक और खुदरा 400 रुपये किलो ग्राम बिक रहा है.सर्दियों में सेवन करना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद
आयुर्वेदिक चिकित्सक डाॅ राधेश्याम अग्रहरि ने बताया कि ठंड से बचने के लिए डाइट में बदलाव कर आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं. इसके लिए कुछ गर्म तासीर वाली चीजें अपनी डाइट में शामिल करें. इसमें शहद, घी, गुड़, ड्राई फ्रूट, तिल के व्यंजन आदि शामिल हैं. शहद व देसी घी में विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है. शहद का सेवन आप सर्दी, जुखाम और गले में दर्द होने पर कर सकते हैं. वहीं गुड़ हमारे शरीर को कैलोरी देने में भी मदद करता है. तिल इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करता है. तिल और गुड़ के बने हुए लड्डू अक्सर लोग बड़े ही चाव से खाते हैं.
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