कोरोना वैक्सीन लेने में जुगाड़ तंत्र का खेल हावी, स्वास्थ्य व सफाइकर्मी बन दूसरे लोगों ने ले लिया टीका!, जांच के आदेश जारी
जिले में कोरोना जांच में गड़बड़ी की शिकायतें आम रही थीं. कोरोना किट बेचने और कोरोना पीड़ित होने का फर्जी सर्टिफिकेट देने की बात भी सामने आयी थी. जांच भी हुई कुछ लोग तब दोषी भी करार दिये गये थे. अब भी जांच चल रही है. इस बीच वैक्सीनेशन में भी गड़बड़ी की बात सामने आने लगी है.
जिले में कोरोना जांच में गड़बड़ी की शिकायतें आम रही थीं. कोरोना किट बेचने और कोरोना पीड़ित होने का फर्जी सर्टिफिकेट देने की बात भी सामने आयी थी. जांच भी हुई कुछ लोग तब दोषी भी करार दिये गये थे. अब भी जांच चल रही है. इस बीच वैक्सीनेशन में भी गड़बड़ी की बात सामने आने लगी है.
आरोप है कि टीका लेने के लिए लोग जुगाड़ थेरेपी आजमाने लगे हैं. मामला प्रकाश में आने के बाद जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार चौधरी ने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व हेल्थ मैनेजर से इसकी जांच कर कार्रवाई करने को कहा है. यह भी तय हो रहा है कि अब वैक्सीन उन्हीं लोगों को दिया जायेगा, जो अपना आधार कार्ड और संबंधित विभाग का पहचान पत्र दिखायेंगे.
बता दें कि अब तक केवल फ्रंट लाइन (स्वास्थकर्मियों, सफाइकर्मियों व पुलिस प्रशासन) के लोगों को वैक्सीन देना है, पर सूचना है कि ऐसे लोग भी वैक्सीन ले रहे हैं जिनका इससे दूर-दूर तक नाता नहीं है. जानकारों का कहना है कि ऐसे लोग जुगाड़ कर अपना नाम फ्रंट लाइन वाले लोगों में शामिल करा ले रहे हैं और टीका ले रहे हैं.
इसको लेकर इस बात की आशंका जतायी जा रही है कि गड़बड़ी कर दूसरे लोगों को भी टीका दिया जा रहा है, क्योंकि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि वैक्सीनेशन के पहले चरण में हेल्थकर्मी और दूसरे चरण में फ्रंट लाइनर को दिया जाना है. हालांकि इस बात की जानकारी मिलने के बाद अब विभाग ऐसे लोगों की पहचान में जुट गया है. संभावना है कि एक बार फिर से सभी लोगों की जांच होगी और इसमें गलत तरीके से वैक्सीन लेनेवालों कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
सूचना है कि पहले वैक्सीन लेने के लिए कुछ लोग खुद को सफाइकर्मी और हेल्थकर्मी के रूप में पेश कर रहे हैं. इसके लेकर यह आशंका है कि निगम या शहर के निजी अस्पताल के लोग कुछ लेन-देन कर ऐसे लोगों को अपने यहां का कर्मी बना कर टीका दिलवा रहे हैं. यह भी बात सामने आयी है कि किसी कर्मी ने अपने पिता को क्लिनिक का सफाइकर्मी बना दिया, तो किसी ने एमडी.
ऐसे फर्जीगीरी को रोकने के लिए अब वैक्सीनेशन के अगले चरण में सभी को आधार कार्ड और पहचान पत्र के आधार पर टीका दिया जायेगा. विभागीय सूत्रों के अनुसार इसकी तैयारी की जा रही है कि टीका लेनेवाले लोगों को पहले अपना आधार कार्ड और संबंधित विभाग का पहचान पत्र दिखाना होगा.
जोगाड़ थेरेपी की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार चौधरी ने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि यह सूचना आ रही है कि कोविड पोर्टल पर नाम नहीं रहने के बाद भी कुछ लोगों को टीका देने की सूचना आ रही है. उन्होंने इसे गलत करार देते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व हेल्थ मैनेजर से इसकी जांच करने को कहा है. उन्होंने दोषी कर्मियों की पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इसके बाद भी कोई गड़बड़ी पकड़ी गयी, तो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व हेल्थ मैनेजर दोषी होंगे. उन्होंने कहा कि सभी को वैक्सीन दिया जायेगा. ऐसे में जुगाड़ तकनीक का प्रयोग गैरकानूनी है.
By: Thakur Shaktilochan