भागलपुर : लॉकडाउन के कारण पांच दिनों से बरारी डाकघर में आया डाक जाम है. डाक की बोरी का अंबार लगा है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और इस बीच डाक वितरण के सवाल पर डाकिया (ग्रामीण डाक सेवा) ऋषिकेश कुमार ने नौकरी छोड़ने की बात बता डाकघर आने से इंकार कर दिया है. दूसरे डाकिया पर अब डाक वितरण की सारी जिम्मेदारी आ गयी है. पांच दिन पहले का डाक की बोरी शनिवार को खोली गयी थी मगर, यह भी वितरण नहीं हो सका.
हॉसिंग बोर्ड कॉलोनी के प्रणव कुमार अतुल ने बताया कि बैंक से उनका महत्वपूर्ण कागजात बरारी डाकघर शनिवार को पहुंच गया और यह इंडिया पोस्ट के साइड पर सुबह साढ़े पांच बजे का अपडेट है. बावजूद, उन्हें वितरण करने कोई डाकिया नहीं पहुंचा. डाकघर से संपर्क करने पर बताया गया कि पांच दिन पहले का डाक वितरण हो रहा है. ज्यादा आवश्यकता है तो सोमवार को उनके डाक की बोरी खोल कर दिया जायेगा. ग्रामीण डाक सेवा प्रीतम कुमार ने नौकरी छोड़ने की बात कही है और डाकघर आने से इंकार कर दिया है. इसकी जानकारी डाक अधिकारी को दे दी गयी है.
कोरोना के बढ़ते मामले और लॉकडाउन के चलते शहर के आठ और आउटसाइड के दो डाक घर यानी जिले के 10 डाकघर को बंद कर दिया है. यह 31 जुलाई तक बंद रहेगा. बंद रहने वाले डाकघरों में शहर के अलीगंज, इशाकचक, बरहपुरा, आदमपुर, खरमनचक, सेंट्रल जेल, तातारपुर व साहिबगंज डाकघर शामिल है. आउटसाइड में सुल्तानगंज स्टेशन रोड स्थित डाकघर व अन्य है. इस डाकघरों के कर्मियों की ड्यूटी प्रधान डाकघर में लगायी गयी है.
कोरोना के कारण बंद होने डाकघरों से रोजाना आठ लाख के करीब कारोबार प्रभावित हो रहा है. अभी तक सवा करोड़ से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हो चुका है. डाकघरों के बंद रहने से इनके कर्मियों की ड्यूटी प्रधान डाकघर में लगायी गयी है. प्रधान डाकघर में ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी है. इससे कारोबार तो बढ़ा है लेकिन कोरोना संक्रमण का भी खतरा बढ़ गया है.
कोरोना के कारण 10 डाकघरों को बंद कर दिया गया है. यह 31 जुलाई तक बंद रहेगा. बरारी डाकघर के ग्रामीण डाक सेवक के नौकरी छोड़ने की जानकारी मिली है. मगर जब तक इस्तीफा नहीं देता है तब तक सेवा समाप्त नहीं होगी.
आरपी प्रसाद, डाक अधीक्षक ,डाक प्रमंडल, भागलपुर
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya