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कोरोना वायरस से बचाव को आगे आये ग्रामीण, संदिग्धों की करवायी स्क्रीनिंग

लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस से बचाव को लेकर ग्रामीण अब सचेत व तत्पर हो उठे हैं. बिहार में भागलपुर जिले के कहलगांव शहर से सटे गांव शोभनाथपुर के युवकों की टीम ने पिछले तीन दिनों से एक मुहिम चला कर गुजरात से अपने गांव-घर लौटे करीब 45 लोगों को गांव के प्रवेश द्वार पर रोक कर सर्वप्रथम अनुमंडल अस्पताल कहलगांव के डॉक्टरों की टीम से प्रारंभिक जांच के बाद गांव में प्रवेश कराया.

By प्रदीप विद्रोही | March 26, 2020 10:36 PM
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भागलपुर (कहलगांव) : लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस से बचाव को लेकर ग्रामीण अब सचेत व तत्पर हो उठे हैं. बिहार में भागलपुर जिले के कहलगांव शहर से सटे गांव शोभनाथपुर के युवकों की टीम ने पिछले तीन दिनों से एक मुहिम चला कर गुजरात से अपने गांव-घर लौटे करीब 45 लोगों को गांव के प्रवेश द्वार पर रोक कर सर्वप्रथम अनुमंडल अस्पताल कहलगांव के डॉक्टरों की टीम से प्रारंभिक जांच के बाद गांव में प्रवेश कराया.

साथ ही इन लोगों को अपने घर-परिवार से दूर गांव में ही स्थित स्कूल व सामुदायिक भवन में ‘मानव डिस्टेंश’ का अनुपानल करते हुए रहने का ठौर भी मुहैया कराया. खाने-पीने की परेशानी न हो, गांव-घर से एकत्रित खाद्यान सामग्री भी इन्हें उपलब्ध कराया गया. वहीं, कुर्मा पंचायत स्थित चन्नो पंचायत भवन में भी गुरुवार को बंगलुरु से आये लोगों सहित उसके संपर्क में आये करीब 26 लोगों का स्क्रीनिंग करवाया गया.

गांव के युवक प्रवेश द्वार पर कर रहे गश्ती

इस जागरूकता अभियान के तहत ही शोभनाथपुर गांव के दीपांकर, रॉकी, पारस, सानू, अभिषेक, चंदभानु, नंदू, शिवम, चंद्रहास, शिवम, सोम, पुरो, रविश सहित दर्जनों युवकों की टीम ने गांव के दो प्रवेश द्वार पर बांस-बल्ला से बेरिकेडिंग कर आवाजाही पर ही रोक लगा दिया है. इस जगह पर ही अपने गांव लौटने वाले हर चेहरे पर निगरानी कर रहे हैं.

जागरूकता अभियान भी चला रहे

बेरियर पर 24 घंटे युवकों की टीम पहरेदारी कर रही है. गुजरात व अन्य प्रांत से अपने गांव घर लौट रहे लोगों को प्रथम जांच के लिए अस्पताल भी भिजवा रहे हैं. कोरोना से लड़ने व बचाव के लिए घर-घर घुमकर जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं. सोशल मीडिया के जरिये आस-पास के गांव में जागरूकता अभियान चलाने का संदेश भी भेज रहे हैं.वहीं चन्नो गांव में चार दिन पूर्व बंगलुरु से आये करीब 26 लोगों का स्क्रीनिंग करवाया गया. ग्रामीण युवकों द्वारा स्वास्थ्य विभाग के टॉल फ्री नं 102 पर फोन करने के बाद गुरुवार को एंबुलेंस व डॉक्टर टीम गांव पहुंचकर स्क्रीनिंग की.जांच के बाद फिलहाल इन संदिग्धों को घर से अलग अकेले रहने की सलाह भी दिये.

सात दिन बाद गांव पहुंचे ग्रामीण

सात दिन पूर्व गुजरात से भूखे प्यासे भागे ग्रामीणों ने प्रभात खबर को बताया कि कोरोना वायरस के गुजरात में फैलने की खबर उड़ते ही हमलोग करीब 45 की संख्या में जैसे-तैसे अपना सामान समेट कर ट्रेन से पटना पहुंचे. चार दिन पटना में फंसने के बाद नवगछिया पहुंचे सभी. वहां से घर लौटने के लिए वाहन नहीं मिलने के बाद जनता कर्फ्यू के दूसरे दिन माथे पे सामान की गठरी ले नवगछिया से पैदल ही ये सभी चल पड़े.

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