पॉक्सो व यौन उत्पीड़न के मामलों में कोर्ट ने पकड़ी लापरवाही, एसएसपी को लिखा पत्र
पॉक्सो व यौन उत्पीड़न के मामलों में कोर्ट ने पकड़ी लापरवाही, एसएसपी को लिखा पत्र
– पॉक्सो कोर्ट ने पीरपैंती में तीन साल पूर्व और सबौर में 10 साल पूर्व दर्ज कांड का दिया उदाहरण पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश सह एडीजे 7 ने पीरपैंती थाना में विगत वर्ष 2021 में दर्ज एक कांड में अनुसंधानकर्ता और थानाध्यक्ष की लापरवाही पकड़ी है. उक्त मामले में कोर्ट ने सबौर थाना में 10 साल पूर्व दर्ज एक इसी तरह के कांड में भी लापरवाही बरते जाने के मामले को उदाहरण देते हुए एसएसपी को पत्र लिखा है. इसकी प्रतिलिपि डीआइजी और डीएम को भेजने का निर्देश दिया है. इसमें कोर्ट ने कहा है कि कांड के अनुसंधानकर्ता और थानाध्यक्ष कानून का मजाक बना रहे हैं. नियमों काे बिना अनुपालन के ही कांड का अनुसंधान और चार्जशीट दाखिल कर रहे हैं. साथ ही निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों को लेकर अनुसंधानकर्ता और थानाध्यक्ष को आगाह किया जाये. कोर्ट ने कहा है कि पीरपैंती थाना में विगत 1 नवंबर 2021 को अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. इसमें पुलिस ने 12 मई 2024 को चार्जशीट दाखिल किया. इसमें अपहरण कर दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धारा कांड के आरोपित संजीव कुमार तांती के विरुद्ध दाखिल किया. जबकि कांड के अन्य अभियुक्त गौरव यादव, रूपल यादव और अनिल यादव के विरुद्ध जांच को लंबित रखा है. कोर्ट ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा है कि 173 सीआरपीसी के तहत दुष्कर्म जैसी धाराओं में कांड दर्ज किये जाने के दो माह के भीतर पूरा करना होता है. जबकि इस मामले में 1 नवंबर 2021 को कांड दर्ज किये जाने के बाद अब तक पुलिस ने मामले को लंबित रखा है. यह पुलिस पदाधिकारियों की कानून के प्रावधानाें के प्रति लापरवाही और उल्लंघन को दर्शाता है. इसी तरह का एक मामला सबौर थाना में 21 फरवरी 2014 को दर्ज किया गया था. इसमें कांड के अनुसंधानकर्ता द्वारा एक अभियुक्त के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल करने के बाद पिछले 10 सालों से अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध जांच को लंबित रखा हुआ है.
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