COVID-19: कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग आइसीयू में बेड से गिरकर मांगते रहे मदद, गार्ड समेत वार्ड में सबों ने उठाने से किया मना
भागलपुर : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसीयू में करीब 40 मिनट तक कोरोना पॉजिटिव मरीज बेड से गिर कर जमीन पर पड़ा रहा. इसकी जानकारी वार्ड में भर्ती मरीजों ने तैनात गार्ड को दी. इस पर गार्ड ने उनको समझा दिया कि मरीज को उठाने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है. वो कुछ नहीं कर सकते. मामला जब आइसीयू से निकल कर अस्पताल के बाहर आया, तो प्रभारी अधीक्षक डॉ कुमार गौरव को को इसकी जानकारी हुई. उनकी पहल पर डॉक्टर पीपीई किट और इसीजी मशीन लेकर वार्ड में पहुंचे. मरीज को उठा कर बेड पर रखा और जांच की.
भागलपुर : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसीयू में करीब 40 मिनट तक कोरोना पॉजिटिव मरीज बेड से गिर कर जमीन पर पड़ा रहा. इसकी जानकारी वार्ड में भर्ती मरीजों ने तैनात गार्ड को दी. इस पर गार्ड ने उनको समझा दिया कि मरीज को उठाने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है. वो कुछ नहीं कर सकते. मामला जब आइसीयू से निकल कर अस्पताल के बाहर आया, तो प्रभारी अधीक्षक डॉ कुमार गौरव को को इसकी जानकारी हुई. उनकी पहल पर डॉक्टर पीपीई किट और इसीजी मशीन लेकर वार्ड में पहुंचे. मरीज को उठा कर बेड पर रखा और जांच की.
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फर्श पर गिरा मरीज बार-बार मदद के लिए गुहार लगाता रहा
मरीज की स्थिति बेहतर थी. उक्त वार्ड में चार लोग भरती थे. इसमें एक मरीज की हालत बेहतर नहीं थी, पर अन्य तीन ठीक थे. उन लोगों ने भी जमीन पर गिरे मरीज को उठाने की कोशिश नहीं की. खुद कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी दूसरे पॉजिटिव को टच करने से सब डर रहे थे. दूसरी ओर फर्श पर गिरा मरीज बार-बार मदद के लिए गुहार लगा रहा था.
साढ़े चार बजे नवगछिया का मरीज हुआ था भर्ती
नवगछिया तुलसीपुर के 70 साल के कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग को अस्पताल में शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े चार बजे भर्ती किया गया था. उनकी हालत देखते हुए उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया. शाम करीब आठ बजे वह बेड से गिर गये. जानकारों के अनुसार उस दौरान तैनात वार्ड अटेंडेंट भी गायब था.
मैनेजर को निर्देश, मिली मदद
मामले की जानकारी मिलने पर मायागंज अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ कुमार गौरव ने हॉस्पिटल मैनेजर को तत्काल पहुंचाने का निर्देश दिया, फिर मदद मिली.
उठ रहा है सवाल
मरीज के बेड से गिरने के मामले में यह सवाल उठने लगा है कि ऐसे मरीजों के वार्ड की निगरानी की क्या व्यवस्था है. यह तो अलग बात थी कि कुछ मरीज ऐसे थे, जिन्होंने हल्ला किया या किसी को बुलाया, पर यह स्थिति नहीं होती तो क्या होता. क्यों नहीं ऐसे वार्डों की निगरानी की पुख्ता व्यवस्था हो.
प्रभारी अधीक्षक ने दी सफाई
मरीज के बारे में जानकारी होते ही मदद पहुंचायी गयी. मरीज को मदद पहुंचाने से पहले पीपीई किट डॉक्टर एवं अन्य कर्मी को पहनना था. ऐसे में 20 मिनट की देरी हुई. मरीज की स्थिति सामान्य है. उनका इलाज किया जा रहा है.
डॉ कुमार गौरव, प्रभारी अधीक्षक
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya