गौ सेवा भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग
गौ सेवा भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है. धर्म ग्रंथों में गाय के महत्व को दर्शाया गया है. गायों की रक्षा पर्यावरण रक्षा है. वर्तमान परिस्थिति में यदि संपूर्ण कल्याण चाहिए तो उसका आधार ग्राम और गायों का विकास है. गोधन वृद्धि का ध्यान रखना चाहिए. विज्ञान के अनुसार भी
गौ सेवा भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है. धर्म ग्रंथों में गाय के महत्व को दर्शाया गया है. गायों की रक्षा पर्यावरण रक्षा है. वर्तमान परिस्थिति में यदि संपूर्ण कल्याण चाहिए तो उसका आधार ग्राम और गायों का विकास है. गोधन वृद्धि का ध्यान रखना चाहिए. विज्ञान के अनुसार भी गायों का रक्षण और पालन जनहितकारी है. उक्त बातें एमएलसी डॉ एनके यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में कही. मौका था शनिवार को गौशाला कमेटी की ओर से गौशाला परिसर में दो दिवसीय गोपाष्टमी मेला के शुभारंभ का. इससे पहले डॉ एनके यादव के साथ मेयर डॉ बसुंधरालाल, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष डॉ शंभुदयाल खेतान, भाजपा नेता अर्जित शाश्वत चौबे, चेंबर के पूर्व अध्यक्ष अशोक भिवानीवाला, पार्षद प्रीति शेखर, अश्विनी जोशी मोंटी, सत्य नारायण पोद्दार, महामंत्री गिरधारी केजरीवाल, लक्ष्मी नारायण डोकनिया, मंत्री सुनील जैन, रामगोपाल पोद्दार ने संयुक्त रूप से किया. मेयर डॉ बसुंधरालाल ने कहा कि गाय का स्थान माता की तरह है. गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं जहां गाय रहती है वही मैं रहता हूं. अर्जित शाश्वत चौबे ने कहा कि हमें पूरे जीवन भर दूध पिलाती है. हम जो गाय के लिए कर रहे हैं, वह अपना ऋण चुका रहे हैं. डॉ प्रीति शेखर ने कहा जिला स्तर पर गो अनुसंधान केंद्र खोले जाएं तथा गौ से संबंधित संपूर्ण जानकारी कंप्यूटरीकृत की जाएं. डॉ शंभु दयाल खेतान ने कहा कि पॉलीथिन खा रही गायों का इलाज हो. पॉलीथिन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. उसका हम सबों को पूरी तरह पालन करना चाहिए. अश्विनी जोशी मोंटी ने कहा कि गाय का हमारे जीवन मे महत्वपूर्ण स्थान है. अतिथियों का स्वागत महामंत्री गिरधारी केजरीवाल ने किया, तो मंच का संचालन मंत्री सुनील जैन ने किया. कोतवाली चौक से नया बाजार तक खिलौने, चाट-पकौड़े व घास की सजी दुकानें गोपाष्टमी मेला को लेकर पहले दिन सुबह से ही कोतवाली चौक से लेकर नया बाजार तक खिलौने, चाट-पकौड़े, धास व तरह-तरह के झूले सज गये थे. गायों को खिलाने के लिए लोगों ने 10 रुपये बंडल तक घास खरीदे. सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था. कोई गायों की आरती कर रहे थे, तो कोई घास खिला रहा था. गोशाला मार्ग में पिछले 100 साल से हो रहे गोपाष्टमी मेला के आकर्षण का केंद्र शिला-लौढ़ी आदि की दुकानें सज गयी थी. वीरेंद्र दरबन ने बताया कि पहले दिन ही उनकी अच्छी बिक्री हुई. लोगों को अब भी मिक्सी की जगह शिला-लौढ़ी की जरूरत है. इससे तैयार मसाला व चटनी अधिक स्वादिष्ट होती है. इसमें व्यायाम भी हो जाता है और बिजली की खपत भी नहीं होती. गेहुमा, तेलिया पत्थर से तैयार शिला-लौढ़ी, जाता समेत पत्थर के अन्य सामान सजे थे. गायों व गाय के रक्षकों की झांकी ने किया आकर्षित गोपाष्टमी मेला में गायों पर आधारित कहानी व गायों के रक्षकों की झांकी सजायी गयी थी. कहीं छत्रपति शिवाजी को गायों की रक्षा करते हुए दिखाया गया, तो कहीं भगवान श्रीकृष्ण को गाय को चराते हुए. मेला में विभिन्न झूले, कठघोड़वा, गोल चक्कर में बच्चेआनंद ले रहे थे. खाने-पीने के स्टाल पर श्रद्धालु घूम घूम कर व्यंजन का लुत्फ उठा रहे थे. राधे-कृष्ण-राधे कृष्ण भजन पर झूम उठे श्रद्धालु दिल्ली के रॉक बैंड सनातन संकीर्तन बैंड टीम की ओर से राधे कृष्ण-राधे कृष्ण भजन गाकर अपनी प्रस्तुति दी तो श्रोता खुद को झूमने से नहीं रोक सके. इससे पहले चित्रकला एवं फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में बच्चों ने अतिथियों को अपनी भाव-भंगिमा से आकर्षित किया. इसमें अनन्या श्री, साक्षी चौरसिया, वान्या जैन ने अव्वल स्थान प्राप्त कर पुरस्कार प्राप्त किया. आज वृंदावन के कलाकार करेंगे रासलीला का आयोजन महामंत्री गिरधारी केजरीवाल ने बताया कि 10 नवंबर रविवार को वाराणसी के पंडित गंगा महाआरती का आयोजन करेंगे. संध्या छह बजे वृंदावन के श्रीकृष्ण रासलीला आदित्य राज बृजवासी ग्रुप रासलीला का आयोजन करेंगे. इस मौके पर समाजसेवी लक्ष्मी नारायण डोकानिया, रामगोपाल पोद्दार, रोहित बाजोरिया, प्रो बिहारी लाल चौधरी, राजेश बंका, सुनील बुधीया, संजय खेमका, बद्री प्रसाद छापोलिका, रमन साह, संजय गंगवाल आदि उपस्थितथे.
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