लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ को लेकर गंगा स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ रही है. देवघर, कटोरिया, बेलहर, संग्रामपुर, बांका, अमरपुर, शंभूगंज, लक्खीसराय, जमुई, मुंगेर व अन्य जिलों से गंगा स्नान करने काफी संख्या में श्रद्धालु छोटे-बड़े वाहनों से सुलतानगंज पहुंचे रहे हैं. वाहनों की लंबी कतार लग गयी. गंगा घाट पर ज्यादा भीड़ होने के कारण फिसलन की स्थिति हो गयी है. छठ व्रतियों की भीड़ को लेकर जाम की समस्या हो गयी है. भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस को काफी परेशानी हो रही है.
महापर्व छठ का महानुष्ठान आज से शुरू
अजगैवीनगरी के पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा तट पर छठ व्रती व श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर गंगा जल लेकर अपने घर रवाना हुए. रेलवे स्टेशन सहित बस पड़ाव में भी स्नान कर वापस जाने वाली महिलाओं की पूरी भीड़ रही. वाहन व ट्रेन से आने वाले श्रद्धालुओं से नगर के मुख्य गली व सड़कों पर भीड़ से लोग काफी परेशान रहे. बाजार में कई अस्थायी दुकानें खुल गयी है. बाहर से आये लोगों ने नारियल, सूप व पूजा सामग्री की खरीदारी की. मंगलवार को नहाय-खाय को लेकर बाजार में कद्दू की जमकर बिक्री हुई. बाजार में सूप 150 से 160 रूपया जोड़ा बिका रहा है. छठ पूजा को लेकर पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल होने लगा.सूप व डाला की खरीदारी में आयी तेजी
महापर्व छठ को लेकर सुलतानगंज में सूप की बिक्री में तेजी आ गयी है. ग्रामीण इलाकों में बिक्री को यहां से सूप जाता है. सूप 140 से 150 रुपये जोड़ा बेचा जा रहा है. डाला का मूल्य 200 से 250 रुपये हैं. सुलतानगंज में सूप के कई थोक दुकानदार हैं. उनलोगों ने बताया कि खपत के हिसाब से मूल्य वृद्धि होती है. थोक दुकानदार राजीव कुमार व पिंटू कुमार ने बताया कि सूप का पर्याप्त स्टॉक है. सुलतानगंज में लगभग 70 हजार से अधिक सूप की बिक्री की संभावना है. सुलतानगंज से अकबरनगर, महेशी, तारापुर, असरगंज, मासूमगंज, शंभूगंज, कल्याणपुर, गनगनिया आदि स्थानों पर सूप की थोक खरीदारी कर दुकानदार खुदरा में बिक्री करते हैं.मल्लिक समुदाय के सूप की कीमत अधिक
मल्लिक समुदाय के लोग सूप बनाने में इनदिनों व्यस्त हैं. उनलोगों ने बताया कि हाथ से बनाया मजबूत सूप हम लोगों को देते हैं, जिसकी कीमत बाजार से कुछ अधिक होती है. जोड़ा सूप 200 रुपये में बेचा जा रहा है. कमरगंज पंचायत में चितरंजन मल्लिक सूप बना रहे हैं. वह बताते हैं कि लगभग 10 माह तक सूप बनाते हैं. सूप दूर-दूर तक लोग ले जाते हैं. हर दिन 10 सूप का निर्माण होता है. पूरे प्रखंड के मल्लिक समुदाय महापर्व छठ को लेकर सूप बनाने में जुटे हैं. कई लोग बाजार से न लेकर मल्लिक से सूप की खरीदारी करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है