गंगा स्नान के लिए उमड़ी छठव्रतियों की भीड़
छठ महापर्व को लेकर गंगा स्नान करने के लिए रविवार को शहर के विभिन्न गंगा घाटों पर भीड़ उमड़ी. बूढ़ानाथ, एसएम कॉलेज सीढ़ी घाट, खिरनी घाट, बरारी सीढ़ी घाट, पुल घाट आदि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष की तुलना इस बार गंगा स्नान करने वाले की संख्या अधिक रह रही है. दरअसल, नहाय खाय के दो दिन पहले काली विसर्जन मेला लगा, भैया-दूज भी था.
छठ महापर्व को लेकर गंगा स्नान करने के लिए रविवार को शहर के विभिन्न गंगा घाटों पर भीड़ उमड़ी. बूढ़ानाथ, एसएम कॉलेज सीढ़ी घाट, खिरनी घाट, बरारी सीढ़ी घाट, पुल घाट आदि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष की तुलना इस बार गंगा स्नान करने वाले की संख्या अधिक रह रही है. दरअसल, नहाय खाय के दो दिन पहले काली विसर्जन मेला लगा, भैया-दूज भी था.
इधर, रविवार को भी गंगा घाट पर फैले कूड़े-कचरे की स्थिति जस की तस रही. नगर निगम के दावे की पोल खुल रही है. न शौचालय की सुविधा की गयी और न ही कपड़ा बदलने के लिए अस्थायी घर बनाया गया. ऐसे में खासकर महिलाओं को स्नान करने के बाद कपड़ा बदलने में परेशानी का सामना करना पड़ा. बरारी पुल घाट पर यह समस्या अधिक दिखी.विक्रमशिला सेतु के संपर्क पथ फुटपाथ पर लगी रही वाहनों की कतार
शहर में लगता रहा जाम
श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण विक्रमशिला पुल समेत शहर के विभिन्न स्थानों लोहिया पुल, पटल बाबू रोड, भीखनपुर व कचहरी चौक पर दिन भर जाम लगता रहा. इसमें कई ऑटो वाले भी दोषी थे, जिन्होंने विक्रमशिला के फुटपाथ पर ऑटो को चढ़ा कर लगा दिये थे, जिससे पुल और पुल के बाहर मुख्य मार्ग पर पैदल चलने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. जाम जीरोमाइल तक लगा था.
गंगा तटों के आसपास खूब हुई दुकानदारी, गंगा जल भरकर ले गये श्रद्धालु विभिन्न गंगा तटों के समीप दुकानवालों की खूब दुकानदारी हुई. साथ ही नहाय खाय को देखते हुए सब्जी दुकानदारों ने कद्दू की दुकानें सजायी थी. इधर गंगा घाटों पर से जल भरकर भी अब श्रद्धालु अपने घर ले जा रहे थे. छठ पूजा का माहौल अब बनने लगा. लोग साफ-सफाई के लिए गंगाजल का इस्तेमाल करते हैं. .———-
बॉक्स मैटरनहाय-खाय के साथ छठ महापर्व का अनुष्ठान कल से
पांच नवंबर को नहाय-खाय से छह महापर्व विधिवत शुरू हो जाएगा. व्रती प्रात: स्नान-ध्यान कर भगवान सूर्य को अर्घ देकर उनसे शक्ति की कामना करेंगे. इसके बाद घरों में पूजा-अर्चना कर कद्दू की सब्जी, अरवा चावल का भात व चना दाल तैयार कर इसे भगवान को अर्पित करने के बाद ग्रहण किया जाएगा. फिर इसे प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाएगा. महापर्व छठ के दूसरे दिन यानी 6 नवंबर को बुधवार को खरना अनुष्ठान होगा. दिन भर उपवास रह कर सूर्यास्त के बाद व्रती भगवान की पूजा-अर्चना कर खीर, रोटी, केला का नैवेद्य देने के बाद स्वयं इसे ग्रहण करेंगे. फिर इसे प्रसाद स्वरूप वितरित किया जायेगा. इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जायेगा. महापर्व के तीसरे दिन गुरुवार को व्रती छठ घाट पर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ देंगे. व्रती आठ नवंबर को उदयाचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ देंगे. इसके बाद हवन कर सबके लिए मंगलकामना करेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है