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अंग प्रदेश में पहली बार हैंगिंग विधि से शुरू हुई विदेशी खरबूजे की खेती, जानिए कीमत

नाथनगर-कजराली के गुंजेश गुंजन युवाओं को कृषि और किसानों में बेहतर रोजगार के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उन्होंने हैंगिंग विधि से मस्क मेल की कहते शुरू की है

By Anand Shekhar | May 30, 2024 6:45 AM

Agriculture News: भागलपुर के युवा दिन-ब-दिन व्यावसायिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं, ताकि खेती-किसानी में रोजगार की राह आसान हो सके. इसी क्रम में नाथनगर कजरैली के गुंजेश गुंजन ने खेती में नया प्रयोग करने में सफलता पायी और हैंगिंग विधि से मस्क मेलन अर्थात अलान पर विदेशी खरबूजे के खेती शुरू की. इतना ही नहीं फलन के साथ में मुंहमांगी कीमत भी मिलने लगी है. यह भागलपुर ही नहीं, प्रदेश में पहली बार हुआ.

प्रदेश स्तर पर श्रेष्ठ किसान के रूप में सम्मानित हो चुके हैं गुंजेश गुंजन

गर्मी के दिनों में तरबूज जहां लोगों के शरीर में कई पोषक तत्व के साथ पानी की कमी को पूरा करता है, वहीं दूसरी ओर खरबूजा भी दूसरा विकल्प है. विदेशी खरबूजा लोकल खरबूजा से अलग है. इसमें मिठास भी है और आकर्षक गुलाबी रंग भी. इनोवेटिव फार्मर गुंजेश गुंजन ने बताया कि इससे पहले पीला तरबूज, 365 दिनी सहजन, काकोड़ी-कंटोला एवं पपीता की खेती में सफलता पायी है. वे प्रदेश सरकार की ओर से कई बार इनोवेटिव फार्मर-श्रेष्ठ किसान के रूप में सम्मानित हो चुके हैं.

क्या है हैंगिंग मस्क मेलन-अलान पर विदेशी खरबूजा

गुंजेश गुंजन ने बताया कि खेती किसानी में नये प्रयोग की जानकारी के लिए महाराष्ट्र पूणे गये थे. कंपनी को विजिट करते के क्रम में यह प्रयोग वहां पाया. हालांकि, यह थोड़ा अधिक मेहनत वाली खेती है. एक-एक पौधे को मजबूत धागे के सहारे ऊपर ले जाना होता है. इसका एक-एक फल एक किलो ग्राम वजन में होता है. ऐसे में फल को सुरक्षित रखने की चुनौती होती है. इसे लटक विधि भी कहा जाता है.

कितनी है कीमत

जैविक तरीके से उत्पादित विदेशी खरबूजा की कीमत भागलपुर के मुख्य बाजार में 120 रुपये किलो तक मिल रहे हैं, जबकि सामान्य खरबूजा 15 से 20 रुपये तक मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक-एक पौधे में पांच से छह फल लगते हैं. संरक्षित खेती के तहत अधिक से अधिक उत्पादन के साथ गुणवत्तापूर्ण है. इस तरबूज में 14 से 16 प्रतिशत तक टीएसएस है.

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