Loading election data...

साइकलिंग ट्रैक, ड्राइविंग ट्रैक व मॉर्निंग वॉक ट्रैक का हाल बेहाल

स्मार्ट सिटी योजना के तहत सिल्क सिटी भागलपुर को स्मार्ट बनाने के लिए निर्माण कार्य जारी है, वहीं दूसरी ओर रख-रखाव व देखरेख के अभाव में अव्यवस्था फैलनी भी शुरू हो गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 2, 2024 11:01 PM

स्मार्ट सिटी योजना के तहत सिल्क सिटी भागलपुर को स्मार्ट बनाने के लिए निर्माण कार्य जारी है, वहीं दूसरी ओर रख-रखाव व देखरेख के अभाव में अव्यवस्था फैलनी भी शुरू हो गयी है. इसी बीच अलग-अलग योजना से तीन ट्रैक का निर्माण कराया गया, लेकिन तीनों शहरवासियों के लिए अनुपयोगी साबित हो रही है. ऐसे में यही कहा जा सकता है भागलपुर ट्रैक से उतर गया है. चाहे ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक हो, मॉर्निंग वॉक ट्रैक हो या साइकिल ट्रैक ही क्यों नहीं हो.

दो साल भी नहीं बीता और ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का हाल बेहाल

तिलकामांझी पथ परिवहन निगम परिसर में लगभग 75 लाख की लागत से बने ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के बने दो साल बीतने को हैं. यहां 2022 में 13 अगस्त को तत्कालीन जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बड़े वाहनों के साथ दोपहिया वाहनों का टेस्ट शुरू कराया था. अब यहां ड्राइविंग टेस्टिंग की जगह मवेशियों व अन्य जानवरों का अड्डा बना हुआ है. इसके अलावा यहां जगह-जगह झाड़ी उग आयी हैं.

प्रदेश के पहले साइकिल ट्रैक पर फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा, कोई नहीं देखने वाला

पिछले साल अगस्त में स्मार्ट सिटी योजना के तहत लाखों की लागत से साइकिल ट्रैक बनकर लगभग तैयार हो गया था. ऐसे में सिल्क सिटी भागलपुर के लोगों को लगने लगा कि अब भागलपुर को स्मार्ट होने से कोई नहीं रोक पायेगा. इसके विपरीत निगरानी के अभाव में यह भी टूटने लगे. इतना ही नहीं कभी युवा इस पर बाइक दौड़ाते हैं, तो दिनभर फुटपाथी दुकानदारों के कब्जे में पूरा ट्रैक हो जाता है. हवाई अड्डा मार्ग पर बने 1650 मीटर साइकिल ट्रैक बनाया गया है, तो जेल की चारदीवारी के किनारे 850 मीटर लंबा ट्रैक का निर्माण कराया गया है, पर फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा हो गया.

सड़ांध के बीच टहलने को विवश हैं मॉर्निंग वॉकर

शहर का फेफड़ा कहा जाने वाला सैंडिस कंपाउंड इन दिनों मॉर्निंग वॉकरों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. दरअसल स्मार्ट सिटी व जिला प्रशासन की ओर से तैयार दो-दो पाथ-वे उपयोगहीन हो गया है. लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गतिविधि के लिए पाथ-वे से सटे अस्थायी शौचालय बना दिया गया. इससे यहां 10 हजार से अधिक संख्या में मॉर्निंग वॉकर दूसरी ओर जाने लगे हैं या रूमाल से नाक दबाने को विवश हैं. चारों तरफ सड़ांध फैल रही है.

सैंडिस कंपाउंड विकास समिति के पदाधिकारी का बढ़ा आक्रोश

सैंडिस कंपाउंड विकास समिति के अध्यक्ष अमरनाथ गोयनका ने पाथ-वे से सटे शौचालय के निर्माण पर आक्रोश जताया. इसे लेकर जिलाधिकारी से लेकर जिला जज तक से मिलने का समय लिया है. दरअसल सैंडिस कंपाउंड में जहां-तहां निर्माण कार्य पर हाई कोर्ट की ओर से रोक लगायी गयी है. याचिकाकर्ता खुद अध्यक्ष अमरनाथ गोयनका हैं. लगातार अव्यवस्था फैलाने पर सदस्यों के साथ आक्रोश जता रहे हैं.

सभी जगहों की निगरानी की जरूरत, प्रशासन को करा चुके हैं अवगत

वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट सह सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप झुनझुनवाला ने बताया कि स्मार्ट सिटी भागलपुर में निगरानी का अभाव है. प्रशासन को इसके लिए सजग रहना होगा. जिला प्रशासन को अवगत करा चुके हैं. चाहे साइकिल ट्रैक हो या सैंडिस कंपाउंड में पाथ-वे समीप शौचालय निर्माण से हो रही समस्या. शीघ्र ही मिलकर समस्या समाधान को लेकर चर्चा करेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version