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जलापूर्ति के लिए शहर में जगह-जगह बने है चाबी चेंबर, रखरखाव नहीं होने से बढ़ा खतरा

जलापूर्ति के लिए शहर में जगह-जगह चेंबर बना है, जिसमें लॉक लगा है. चाबी घूमायी जाती है, तो जलापूर्ति होती है. चेंबर का रखरखाव नहीं हो रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 5, 2024 9:35 PM

वरीय संवाददाता, भागलपुर

शहर में जलापूर्ति के लिए जगह-जगह चेंबर बना है, जिसमें लॉक लगा है और ढक्कन खोल कर चाबी घूमायी जाती है, तो जलापूर्ति होती है. मानिक सरकार चाैक पर भी सड़क पर चेंबर बना है, वहां ऊपरी हिस्से में लाेहे का टुकड़ा निकला है. लाेहे के टुकड़े में बाेरी डालकर बाहर से बंद कर दिया जाता है. जब उसमें चाबी डालकर लाॅक खाेलना रहता है ताे बाेरी काे बाहर निकाल दिया जाता है. यह जुगाड़ टेक्निक के भरोसे है. यही हाल शहर के दूसरे हिस्से का भी है. समय-समय पर रखरखाव नहीं होने से यह राहगीरों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. मानिक सरकार के चैंबर में बाेरी इसलिए डाल दिया जाता है, ताकि किसी का पैर या काेई जानवर उसमें न चला जाये. काम करने के दाैरान बाेरी बाहर निकाल कर चाबी घुमा देता है, फिर उसे बंद कर देता है.

तकनीकी खराबी आने से विद्युत शवदाह गृह बंद

बरारी श्मशान घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में तकनीकी खराबी आ गयी है. यह शनिवार से बंद है. दरअसल, पिछले तीन माह से आइडी फेन खराब था. असे समय रहते कंपनी ने दुरुस्त नहीं किया. इस कारण चिमनी से काले रंग का राख आसपास के क्षेत्र में फैल रहा था. प्रदूषण भी बढ़ रहा था. श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोग दुर्गंध से परेशान थे. शवदाह गृह के आपरेटर ने निगम प्रशासन और कंपनी को सूचना देकर शनिवार शाम साढे छह बजे से बंद कर दिया. अब सोमवार को कंपनी की तकनीकी टीम बरारी आयेगी. तकनीकी खराबी को दूर करेंगे, तो यह फिर से चालू हो सकेगा.

.मानिक सरकार के अलावा तिलकामांझी का सुरखीकल, खंजरपुर, घंटाघर, नया बाजार, नाथनगर, सीटीएस व अन्य इलाके में चाबी की जरुरत पड़ती है. जबकि डीप बाेरिंग से हाेनेवाले जलापूर्ति वाले पाइप में भी जगह-जगह चाबी लगाए गए हैं. इसमें भीखनपुर स्टेट बाेरिंग गली, अलीगंज, मिरजानहाट समेत अन्य इलाके शामिल हैं.

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