महर्षि मेंहीं आश्रम पर मंडराया कटाव का खतरा, पुल के समीप संपर्क पथ हुआ क्षतिग्रस्त

एक ओर जहां सबौर प्रखंड अंतर्गत ममलखा-मसाढ़ू में गंगा कटाव से घर का घर गंगा में समा रहा है, वहीं दूसरी ओर से पूरी दुनिया के श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक केंद्र कुप्पाघाट आश्रम पर फिर कटाव का खतरा मंडराने लगा है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2024 9:23 PM

एक ओर जहां सबौर प्रखंड अंतर्गत ममलखा-मसाढ़ू में गंगा कटाव से घर का घर गंगा में समा रहा है, वहीं दूसरी ओर से पूरी दुनिया के श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक केंद्र कुप्पाघाट आश्रम पर फिर कटाव का खतरा मंडराने लगा है. बुधवार को महर्षि मेंहीं आश्रम कुप्पाघाट के पश्चिमी द्वार वाले पुल का संपर्क पथ गंगा की धारा से क्षतिग्रस्त हो गया.

आनन-फानन में अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा के महामंत्री दिव्य प्रकाश, मंत्री मनु भास्कर, रमेश बाबा आदि ने मौके पर जाकर वस्तु-स्थिति का जायजा लिया. दिव्य प्रकाश ने कहा कि यदि इसका इंतजाम नहीं किया गया, तो पुल गंगा में समा जायेगा और आश्रम का पश्चिमी द्वार बंद हो जायेगा. इस पुल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2007 में कुप्पाघाट आश्रम आगमन के बाद बनवाया था.

उन्होंने बताया कि गंगा में जलस्तर बढ़ने से कुप्पाघाट आश्रम के पूर्वी व पश्चिमी छोर पर कटाव शुरू हो गया है. आश्रम के गंगा किनारे के क्षेत्र में कटाव रोकने के लिए निर्माण कार्य कराया गया था. महामंत्री दिव्य प्रकाश ने जायजा लेने के बाद कहा कि एक ओर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमारी की दी गयी सौगात पुल पर खतरा मंडरा रहा है, वहीं दूसरी ओर आश्रम का आकर्षक फुलबाड़ी पर भी खतरा है. आश्रम के मंत्री मनु भास्कर, पंकज बाबा, संजय बाबा, रमेश बाबा ने बताया कि पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद 2022 में आश्रम दर्शन के लिए आये थे और गंगा कटाव से आश्रम को सुरक्षित करने का आश्वासन दिया था. इससे पहले भी यहां पर बालू, पत्थर व अन्य चीजों से गंगा कटाव रोकने के निर्देश मिले थे, लेकिन केवल मिट्टी डाल कर छोड़ दिया गया. इस वजह आश्रम से कटाव का खतरा टल नहीं रहा है.

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