दर्शन देहू न अपार हे दीनानाथ…गीत से माहौल भक्तिमय

लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार से शुरू हो गया. नहाय-खाय को लेकर पवित्र उत्तर वाहिनी गंगा तट पर लगभग 25 हजार से अधिक छठव्रती व श्रद्धालुओं ने डुबकी लगायी

By Prabhat Khabar News Desk | November 6, 2024 1:05 AM

लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार से शुरू हो गया. नहाय-खाय को लेकर पवित्र उत्तर वाहिनी गंगा तट पर लगभग 25 हजार से अधिक छठव्रती व श्रद्धालुओं ने डुबकी लगायी. परंपरा के अनुसार नहाय-खाय के साथ कद्दू-भात ग्रहण किया. बुधवार को खरना का व्रत होगा, जिसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. कई श्रद्धालु गंगा जल लेकर देवघर के लिए रवाना हुए. लोगों ने पूजा सामग्री के साथ-साथ सूप, नारियल, फल व अन्य सामन की खरीदारी की.

छठ के लोकगीतों से भक्तिमय हुआ शहर

महापर्व छठ पर दर्शन देहू न अपार हे दीनानाथ…, मरबो से सुगवा धनुष से… कांचही बांस के बहंगिया…, महिमा बा अगम अपार हे छठ मइया…, उग हे सूरज देव अरघ के बेरिया… पारंपरिक गीत गूंजने लगे हैं. सुलतानगंज सहित प्रखंड के गनगनिया, कमरगंज, अबजूगंज, तिलकपुर, महेशी, अकबरनगर पंचायत सहित क्षेत्र के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में माहौल भक्तिमय हो गया है. अनुष्ठान के पहले दिन छठ व्रती गंगा में स्नान कर अरवा चावल, चने की दाल, कद्दू की सब्जी का प्रसाद ग्रहण कर पूरे नेम निष्ठा से नहाय खाय संपन्न किया. छठ पर्व में बनने वाले प्रसाद और अन्य सामग्री गेहूं, चावल आदि अच्छे से धोकर सुखाया.

नेम निष्ठा के साथ व्रतियों ने पकाया प्रसाद, खरना आज

लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर मंगलवार को बिहपुर के नन्हांकार व अन्य गंगा घाटों पर छठव्रती महिलाओं और श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. छठव्रती ने पूरी नेम निष्ठा के साथ अरवा चावल, चने का दाल व कद्दू की सब्जी पकाया. जिसे पूजन के बाद सपरिवार प्रसाद को ग्रहण किया. बुधवार को खरना के दिन छठ व्रती उपवास रखेंगी और शाम को खीर, पूरी व फल का भोग भगवान भास्कर को लगाएंगी. इसके बाद छठव्रती भोजन ग्रहण करेंगी.

नहाय खाय के साथ महापर्व छठ शुरू

नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार को शुरू हुआ. इस अवसर पर व्रती महिलाओं द्वारा नियम निष्ठा के साथ गंगा स्नान कर मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से चना दाल और कद्दू की सब्जी व भात का प्रसाद बनाया. छठ गीतों से गांव की गलियां गुलजार हो रही है. श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धा के साथ छठ घाट का निर्माण किया जा रहा है.

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