डीबीए (जिला विधिज्ञ संघ), भागलपुर के चुनाव में उपाध्यक्ष पद के लिए ओमप्रकाश तिवारी ने रद्द नामांकन पर अपनी आपत्ति वापस ले ली है. आपत्ति वापसी को लेकर दिये पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि आपत्ति से चुनाव में विलंब हो सकता है और इस वजह से कई अधिवक्ताओं के समय की हानि हो सकती है. इसे ध्यान में रखकर आपत्ति को वापस ले रहे हैं. बता दें कि अधिवक्ता ओमप्रकाश तिवारी का पर्चा खारिज करने को लेकर यह दलील दी गयी थी कि उनके तथा एक अन्य प्रत्याशी के प्रस्तावक एक ही हैं. जिस पर तिवारी ने कहा था कि मॉडल रूल के तहत इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है और न ही नामांकन दाखिल करने से पहले इसको लेकर कोई निर्देश जारी किया गया था. बता दें कि शुक्रवार को जिला विधिज्ञ संघ के निर्वाची पदाधिकारी द्वारा प्रत्याशियों की क्रमांक व नाम के अनुसार फाइनल सूची जारी कर दी गयी है. जिसमें कुल 114 उम्मीदवार के द्वारा कंटेस्ट किये जाने का उल्लेख है. अजीत सोनू ने नामांकन रद्द किये जाने को लेकर किया पत्राचार डीबीए चुनाव में सहायक सचिव के पद पर नामांकन दाखिल करने वाले अधिवक्ता अजीत कुमार साेनू की भी उम्मीदवारी को रद्द किया गया है. इसको लेकर उनकी ओर से निर्वाची अधिकारी काे पत्र लिखकर कहा गया है कि वर्ष 2021 में बिहार काउंसिल की अनुशासन समिति की ओर से कई अधिवक्ताओं पर बैठायी गयी जांच काे हाईकाेर्ट में चुनाैती दी गई थी. इसमें काउंसिल की उपस्थिति नहीं हाेने पर आवेदकाें ने याचिका वापस ले लिया था. उस आधार पर काउंसिल ने संबंधित आराेपी सदस्याें काे अल्प अवधि के लिए विधि व्यवसाय से वंचित रखने का आदेश दिया था. लेकिन व्यक्तिगत रूप से इसका काेई पत्र नहीं दिया गया. अनुशासन समिति ने आराेप मुक्त करने का आश्वासन भी दिया था. उनकी ओर से स्टेट बार काउंसिल, बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भी पत्र लिखा गया है.
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