Bihar: भागलपुर में कमरे में लटका मिला छात्र का शव, सुसाइड नोट पर पिता का चौंकाने वाला दावा, उलझी गुत्थी
भागलपुर में एक युवक का शव संदिग्ध परिस्थिति में फांसी से लटका मिला. जिसके बाद मृतक के परिजनों में हाहाकार मचा है. युवक के पिता मुंगेर में होमगार्ड बहाली के लिए गये हुए थे. इधर बेटे का शव फंदे से लटका मिला. परिजन हत्या की आशंका जता रहे है.
भागलपुर जोगसर थाना क्षेत्र के गोनर दास लेन, ऊपरी टोला निवासी सुबोध यादव के घर किराये पर रहनेवाले रामजीवन कुमार के पुत्र सौरभ कुमार का शव संदिग्ध परिस्थिति में फांसी से लटका मिला. रामजीवन कुमार मूल रूप से मुंगेर के टेटियाबंबर थाना क्षेत्र के पतघाघर गांव के रहनेवाले हैं. वह पिछले काई साल से अपने परिवार के साथ भागलपुर में किराये के मकान में रह रहे हैं.
पिता ने लगाया हत्या का आरोप
शव मिलने की जानकारी पर जोगसर थाना पुलिस पहुंची. मौके पर जांच के लिए फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया. वहीं पीड़ित पिता का आराेप है कि उनके बेटे की हत्या कर दी गयी है. जोगसर पुलिस ने छानबीन के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामले के खुलासा की संभावना है. पुलिस सभी बिंदुओं को ध्यान में रख कर जांच कर रही है. परिजन लाश लेकर मुंगेर चले गये.
देर रात परिजनों ने कहा सुसाइड नोट नहीं है सौरभ का
सौरभ के कमरे से मिले सुसाइड नोट का अपने स्तर से परिजनों ने सौरभ की लिखावट से मिलान किया. इसके बाद परिजनों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो लेटर लिखा गया है उसमें हैंडराइटिंग सौरभ की नहीं है. हमारे घर में जो सौरभ का लिखा हुआ कॉपी से उससे लिखावट नहीं मिलती है. परिजनों ने कहा कि सौरभ इतनी टूटी फूटी अंग्रेजी या हिंदी नहीं लिखता था. वहीं पोस्टमार्टम के बाद बरारी श्मशान घाट में सौरभ का दाह संस्कार कर दिया गया. इसके बाद कई परिजन जो घटना के बाद मुंगेर से भागलपुर आये थे वो वापस लौट गये.
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होमगार्ड की बहाली के लिए गये थे पिता
घटना के संबंध में पीड़ित पिता ने बताया कि पत्नी और छोटे बेटे को लेकर वह तीन जून को अपने गांव चले गये थे. मुंगेर में होनेवाले होमगार्ड की बहाली में उनको शामिल होना था. इस कारण सौरभ भागलपुर में अकेला रह गया था. रविवार की शाम सौरभ ने अपनी मां से फोन पर बात भी की. छह जून को होमगार्ड की बहाली के कारण वह अपने बेटे से बात नहीं कर पाये.
सौरभ के पिता को फोन पर बताया गया
सौरभ के पिता ने बताया कि सात जून को उन्होंने सौरभ को फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया. इसके बाद उन्होंने मकान में रहनेवाले दूसरे किरायेदार को फोन किया. इस पर किरायेदार ने बताया कि सौरभ की तबीयत बहुत खराब है. आप आधे घंटे के अंदर पहुंचें, या किसी रिश्तेदार को भेज दें. इस बीच मकान मालिक के बेटे ने उनको फोन कर बताया कि सौरभ की स्थिति डॉक्टर के यहां ले जाने लायक नहीं है. उन्हें तत्काल आने की बात कह कहा कि वो लोग भी शहर से बाहर हैं.
मुंह में गंजी ठूंसा, गर्दन में बंधा था गमछा
पीड़ित पिता ने बताया कि यह सूचना मिलने पर वह शाम पांच बजे भागलपुर पहुंचे. देखा कि कमरे का दरवाजा खुला था. सौरभ का शव पंखे से लटका हुआ था. पैर के नीचे का तकिया मुड़ा था. मुंह में गंजी ठूंसा हुआ था. गर्दन में गमछा बंधा था जो पंखे की पत्ती में लटका हुआ था.
पेंसिल से लिखा मिला सुसाइड नोट
सौरभ के कमरे से पुलिस ने पेंसिल से लिखा हुआ एक सुसाइड नोट बरामद किया. लगभग दो दर्जन काॅपियों के बीच रखे एक कॉपी के पन्ने में पेंसिल से पर लिखा गया था. टूटी-फूटी लाइन में हिंग्लिस में सौरभ ने अपने माता-पिता के लिए लिखा है कि दुनिया के सबसे अच्छे मम्मी पापा आप हो. भाई भी बहुत अच्छा है. सॉरी, पापा मुझसे नहीं होगा. अब आपकी बेइज्जती नहीं देख सकता. हालांकि इस पत्र को सौरभ ने ही लिखा है, यह जांच से पता चल सकेगा. परिजनों ने सौरभ का पत्र होने से इंकार किया है. पुलिस ने पत्र जब्त कर लिया है.
सौरभ के कमरे से गायब थी कॉपी
सौरभ इंटर की परीक्षा पास करने के बाद नीट की तैयारी कर रहा था. जिस कमरे में सौरभ का शव फांसी से लटका मिला वहां काफी संख्या में किताबें थीं, पर एक भी काॅपी नहीं मिला, जिसमें सौरभ ने कुछ लिखा हो. सुसाइड नोट भी पुलिस ने सादे कॉपी के बीच से खोज कर निकाला. यह चर्चा का विषय था कि कमरे में काॅपी क्यों नहीं थी.
परिजनों का आरोप, 12 घंटे बाद पहुंची पुलिस
मुंगेर से आये सौरभ के परिजनों ने पुलिस पर देर से पहुंचने का आराेप लगाया. पीड़ित परिजनों का आरोप था कि वे लोग मंगलवार शाम को मामले की जानकारी देने जोगसर थाना गये, पर पुलिस ने कहा मैनेज कर लो. यह सुन वो लोग वापस हो गये. फिर रात के 10 बजे थाना पहुंचे, तो भी कोई गंभीरता नहीं दिखायी गयी. पीड़ित पिता ने कहा कि थाना से 1200 मीटर दूर घटनास्थल होने के बाद भी बारह घंटे के बाद पुलिस मामले की जांच करने पहुंची.
नाथनगर से आने में एफएसएल की टीम को लगे पांच घंटे
घटना संदिग्ध होने के कारण पुलिस ने जांच के लिए घटनास्थल पर एफएसएल की टीम को बुलाया. नाथनगर से टीम को आना था. सब टीम का इंतजार करते रहे, पर टीम करीब पांच घंटे बाद मौके पर पहुंची. इस बीच पुलिस व परिजन सब परेशान रहे. कई बार टीम को फोन किया गया, पर कोई फायदा नहीं हुआ.
Posted By: Thakur Shaktilochan