नये विषयों की पढ़ाई यूजी व पीजी स्तर पर शुरू करने का निर्णय
टीएमबीयू के सिंडीकेट हॉल में एकेडमिक काउंसिल शुक्रवार को कुुलपति की अध्यक्षता में बैठक हुई. करीब पांच घंटे तक बैठक चली. सर्वसम्मति से कॉलेजों व पीजी में कई नये विषयों की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया.
टीएमबीयू के सिंडीकेट हॉल में एकेडमिक काउंसिल शुक्रवार को कुुलपति की अध्यक्षता में बैठक हुई. करीब पांच घंटे तक बैठक चली. सर्वसम्मति से कॉलेजों व पीजी में कई नये विषयों की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया. बैठक में कुल नौ एजेंडों के अतिरिक्त कई अन्यान्य मुद्दे रखे गये. इसमें मुख्य रूप से टीएनबी कॉलेज में अर्थशास्त्र, हिंदी, संस्कृत, फारसी, मैथिली, राजनीति शास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, आईआरपीएम एवं मनोविज्ञान विषयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई प्रारंभ करने पर विचार किया गया. सर्वसम्मति से पारित किया गया. जबकि पीबीएस कॉलेज बांका में भी करीब एक दर्जन विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू करने का एजेंडा रखा गया. वहीं, एफिलिएशन एंड न्यू टीचिंग प्रोग्राम कमेटी के बैठक के निर्णय वृत को भी बैठक में रखा गया. साथ ही दो वर्षीय साइबर सिक्योरिटी एंड डिजिटल फोरेंसिक कोर्स एवं शॉर्ट टर्म कोर्स को भी शुरू करने का निर्णय लिया गया. एसएसवी कॉलेज कहलगांव और पीबीएस कॉलेज बांका में संथाली भाषा की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया. अन्यान्य मद में एसएम कॉलेज भागलपुर में स्नातक स्तर पर सीबीसीएस पैटर्न पर आधारित चार वर्षीय गांधियन थॉट की पढ़ाई शुरू करने को लेकर हरी झंडी दी गयी. इसके अलावे एसएम कॉलेज में भूगोल, आईआरपीएम, रूरल इकोनॉमिक्स एवं प्राचीन भारतीय इतिहास विषय की भी पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया. जबकिएमए इन रूरल डेवलपमेंट के भी प्रस्ताव पर भी सहमति बनी. एसएम कॉलेज में स्नातक स्तर पर पांच नये कोर्सों की शुरुआत होगी. जिसे एकेडमिक काउंसिल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है. ——- संबंधन प्राप्त विषयों में ही लें कॉलेज नामांकन – कुलपति ने कहा की जिन विषयों की मान्यता राजभवन से मिली हुई है. उसी विषय में नामांकन व परीक्षा ली जाये. बिना मान्यता प्राप्त विषयों में कोई कॉलेज नामांकन लेता है. ऐसे कॉलेजों पर कार्रवाई की जायेगी. उन छात्रों के नामांकन और परीक्षा को रद्द किया जायेगा. इस मामले में कुलपति ने रजिस्ट्रार को आदेश दिया कि वे एक सप्ताह के भीतर मान्यता प्राप्त कॉलेजों और वहां चल रहे मान्यता प्राप्त विषयों की सूची सर्टिफिकेट के रूप में जारी करें. ये सर्टिफिकेट सभी कॉलेजों व पीजी विभागों में नोटिस बोर्ड के साथ साथ वेबसाइट पर भी लगाये जायेंगे. ————– सीसीडीसी सहित अन्य पदाधिकारी को लगायी फटकार – बैठक में कुलपति ने संबंधन प्राप्त विषयों में ही नामांकन लेने से संबंधित कॉलेजों को भेजने वाले पत्र की जब पड़ताल की, तो सीसीडीसी डाॅ एसी घोष कोई जवाब नहीं दे पाये.इसे लेकर कुलपति ने जमकर सीसीडीसी को फटकार लगाया. कार्यशैली में सुधार लाने को कहा. वीसी ने कहा की अधिकारी तैयारी के साथ मीटिंग में नहीं आते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने सीसीडीसी के क्रियाकलापों पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए मीटिंग से बाहर जाने को कहा. एक अन्य पदाधिकारी को भी कॉलेज का फाइल दबाकर रखने के लिए क्लास लगायी. —————— 20 फीसदी तक सिलेबस में कर सकते हैं संशोधन – कुलपति प्रो लाल ने कहा की जिन विषयों में सिलेबस अपडेट नहीं हुआ है. वहां के हेड विषय विशेषज्ञ को बुलाकर सिलेबस में 20 फीसदी परिवर्तन कर सकते हैं. मोडिफाई किया हुआ सिलेबस संबंधित डीन के माध्यम से विवि भेजा जायेगा. तदुपरान्त उसे बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में शामिल करके सिंडीकेट और सीनेट से पारित कराकर अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा जायेगा. ————— राष्ट्रीय व अंतर राष्ट्रीय सेमिनार नहीं होने पर जताया दुख – बैठक में शामिल सभी विभागाध्यक्षों से पूछा की कितने विभागों में इस साल राष्ट्रीय व अंतर राष्ट्रीय के सेमिनार या कांफ्रेंस का आयोजन किया गया है. इस पर विभागाध्यक्षों ने चुप्पी साध ली. वीसी ने कहा की यह अत्यंत ही दुख की बात है की पीजी विभागों में रिसर्च गतिविधियां सीमित हैं. कोई विभाग आयोजन करने में रुचि नहीं दिखा रहा है. ऐसे में छात्रों का कैसे विकास होगा. कुलपति ने सभी विभागाध्यक्षों को सख्त निर्देश दिया की वे एक सप्ताह के भीतर अपने अपने विभाग से एक ज्वलंत टॉपिक पर सेमिनार या कांफ्रेंस का प्रस्ताव बनाकर डीओ के पास भेजें. ——————– म्यूजिक विभागों में तबला व डांस के शिक्षक के पद का होगा सृजन – बैठक में निर्णय लिया गया है कि पीजी व कॉलेजों में म्यूजिक की जहां जहां पढ़ाई होती है. वहां तबला व डांस के शिक्षक पद के लिए पद सृजन का प्रस्ताव म्यूजिक हेड से मांगा गया है. वीसी ने कहा की विश्वविद्यालय सांस्कृतिक परिषद का कार्यालय अब पीजी म्यूजिक विभाग में ही चलेगा. पीजी हेड डाॅ निशा झा को विभाग में ही सांस्कृतिक परिषद का संचालन करने को कहा है. ——————— वोकेशनल कोर्सों के लिए शिक्षकों के पद होंगे सृजित वोकेशनल और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए शिक्षकों के नियमित पद सृजन का प्रस्ताव सरकार को भेजने की कार्रवाई विश्वविद्यालय स्तर पर की जा रही है. विभाग अब तक पद सृजन का प्रस्ताव नहीं दिये हैं.उन विभाग से अविलंब प्रस्ताव विश्वविद्यालय को भेजने के लिए कहा गया है. ——————- स्टेच्यूटरी कमेटी की मीटिंग 15 दिनों के अंदर बुलाने का निर्देश – कुलपति ने रजिस्ट्रार को स्टेच्यूटरी कमेटी की मीटिंग 15 दिनों के भीतर बुलाने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने रजिस्ट्रार को मीटिंग के दौरान उनके द्वारा कमेटी गठित करने का जो आदेश दिया जाता है उसकी अधिसूचना तीन दिनों के भीतर जारी करने का निर्देश दिया है. ——————————— इंडियन लैंग्वेज को दें बढ़ावा कुलपति ने कहा की राजभवन ने इंडियन लैंग्वेज के प्रोत्साहन के लिए शिक्षकों से टेक्स्ट बुक लिखने के लिए प्रोत्साहित किया है. इससे भारतीय भाषा को बढ़ावा मिलेगा। उत्कृष्ट पचास पुस्तकों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरुस्कृत किया जायेगा. प्रत्येक मीटिंग की प्रोसिडिंग की प्रति सप्ताह के भीतर संबंधित विभागों और अधिकारियों को भेजने का निर्देश कुलसचिव को दिया गया. वहीं, डी-लिट की उपाधि पर भी सहमति बनी, जो व्यक्ति या संस्थान किसी के नाम पर प्रति वर्ष गोल्ड मेडल या स्मृति पदक देना चाहते हैं. उन्हें न्यूनतम तीन लाख रुपये विश्वविद्यालय में जमा करने होंगे.
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