लगातार हो रही बारिश से हरी सब्जियों की लताएं व पौधे खराब हो रहे हैं. पैदावार कम हो गया है. जिसका असर स्थानीय बाजार पर दिखने लगा है. हरी सब्जियां महंगी होने लगी है. आलू व प्याज की कीमत पहले से ही आसमान छू रही है. अब हरी सब्जियों की कीमत चढ़ने से गृहणियां परेशान हैं. स्थिति यह हो गयी है घर के किचन में सब्जी की जगह वैकल्पिक खाना पकने लगा है.
सब्जी दुकानदार मुन्ना ने बताया कि बारिश और लगन के कारण सब्जी के भाव चढ़ गये हैं. सब्जी उत्पादक क्षेत्र जिच्छो-सरधो, लोदीपुर, सिमरिया, कजरैली, सबौर, बाबूपुर दियारा, नाथनगर दियारा आदि में में बारिश का पानी भर जाने और लत खराब हो जाने से नैनुआ, परवल, करेला, भिंडी, झिंगली, हरी मिर्च आदि का पैदावार काम हो गया है. नाथनगर कजरैली के किसान गुंजेश गुंजन ने बताया कि पॉलीहाउस में भी बरसाती खीरा की फसल लगी थी. बारिश से 60 फीसदी लत खराब हो गयी. इसकी क्षति-पूर्ति के लिए 40 रुपये किलो वाला खीरा 50 से 60 रुपये किलो बेचना पड़ रहा है. लोदीपुर के सब्जी उत्पादक किसान बलराम सिंह ने बताया कि पानी की वजह से पैदावार में काफी कमी आ गयी है.
मंडियों में बाहर से आने लगी हैं सब्जियां
हरी सब्जी 10 दिन पहले की कीमत मौजूदा कीमत
बैगन 30-35 रुपये किलो 40 से 50 रुपये किलोभट्टा 40 से 50 रुपये किलो 60 से 70 रुपये किलो
टमाटर 30 से 40 रुपये किलो 50 से 60 रुपये किलोभिंडी 15 से 20 रुपये किलो 25 से 30 रुपये किलो
नेनुआ 10 से 15 रुपये किलो 20 से 30 रुपये किलोकरेला 25 से 30 रुपये किलो 40 से 50 रुपये किलो
कुंदरी 20 रुपये किलो 25 से 30 रुपये किलोकद्दू-लौकी 10 से 15 रुपये पीस 20 से 25 रुपये पीस
हरी मिर्च 40 से 50 रुपये किलो 80 से 100 रुपये किलोडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है